Fri. Nov 22nd, 2024
Spread the love

हिंदु : – एक वास्तव !
✍️ २१७५

विनोदकुमार महाजन
——————————–
हिंदु !
निद्रीस्त समाज !!!

क्या अनेक महापुरुषों की कीमत उनके जीवीत होते हुए…हिंदु समाज को समझ में आयी ?
शायद नहीं !
सावरकर जैसे महापुरुष की सही कीमत हिंदुओं को समझी ?
नहीं !
सुभाषचंद्र बोस की ?
नहीं !
स्वामी विवेकानंद की ?
नहीं !
संत तुकाराम, ज्ञानेश्वर की ?
नहीं !
ईश्वरी कृपा प्राप्त अनेक महापुरुषों की ?
नहीं !
सिध्दपुरूषों की ?
नहीं !
अनेक पुण्यात्माओं की ?
नहीं !

उल्टा,
महापुरुषों को पीडा,दुखदर्द, यातना, क्लेश देना ही शायद हिंदुओं को मंजूर होगा !

और परदेशी ” मदर ” जैसे संतों की पूजा करना, उनको सरपर लेकर नाचना !
सब विडंबना !

और फिर भी हमारे देश के महापुरुष ,महात्माएं ,हमेशा सभी के अखंड कल्याण की ही ईश्वर को प्रार्थना करते है !
जिस समाज ने उन्हें निरंंतर तडपाया,उन्ही के मंगल कामनाओं के लिए अखंड कार्य करते है !

और आज की घडी में मोदीजी की,उनके विश्वव्यापक ईश्वरी कार्य की सत्ता और संपत्ति के लालची जयचंदों ने मोदी विरोध में उत्पात मचाया है !
अनेक हिंदुही आज भी उनके महान ईश्वरी कार्यों का भी विरोध कर रहे है !उनके ईश्वरी कार्यों में विघ्न, बाधाएं डाल रहे है !
उनको ही आत्मक्लेश,मनस्ताप दे रहे है !
उनका संपूर्ण साथ देने के बजाए !

क्या यह उचित है ?

फिर भी वह महात्मा सभी के कल्याण के लिए, सभी का विरोध सहते हुए,अनेक महापुरुषों की तरह,अनेक सिध्दपुरूषों की तरह,ईश्वरी कार्य के लिए, हिंदुहितों के लिए,निश्चल होकर,अथक प्रयास करके,आगे निकल रहा है !
कार्यों का और कार्य सफलता का ध्यास लेकर,हरदिन बडे हिम्मत से आगे बढ रहा है !
दिनरात एक कर रहा है !

हमारे ही अनेक नतदृष्ट हिंदुओं का ही जहर हजम करके !

क्या वह ईश्वरी कृपाप्राप्त,पुण्यात्मा खुद के लिए, निजी स्वार्थ के लिए, कुछ कर रहा है ?
खुद के लिए दिनरात मेहनत कर रहा है ?
हरगीज नही !!!

फिर भी अनेक स्वार्थी, मतलबी हिंदु… उसका भी विरोध कर रहे है !

वाह रे नतदृष्ट हिंदुओं !

दुर्देव !
दुर्देव देश का !
दुर्दैव धर्म का !
दुर्दैव अनेक सत्य प्रेमी हिंदुओं का !
दुर्देव सनातन प्रमीयों का !

अनेक सालों के बाद, खुद ईश्वर ने, हमारे कल्याण के लिए, ऐसा महापुरुष धरती पर भेजा है !
उसका भी विरोध ?
वह भी हिंदुओं ही द्वारा ?
आश्चर्य है !!!

इतिहास साक्षी है…
हमारे महापुरुषों की कीमत,उनके जींदा होते हुए हमें समझ में नहीं आती है !

अनेक महापुरुषों का,सिध्दपुरूषों का,अवतारी पुरूषों का ,इस देश में,ऐसा ही दुर्देव देखने को मिलता है !

और ? उनके देहावसान के बाद ?
उनके ही मंदिर बनायेंगे !

उनके जींदा होते हुए,उनको ही रूलायेंगे ! उनका ही रास्ता रोकेंगे ! उनको ही भरभरके जहर के प्याले दे देंगे !

और मृत्यु के बाद ? उनकी आरती उतारी जायेगी!

वा रे हिंदु भाईयों, वा !
कमाल है तुम्हारे करतुतों की !
शाबास रे नतदृष्टों !

इसिलिये तो संपूर्ण विश्व में एक भी हिंदुराष्ट्र नही है !
और ऐसे नतदृष्ट जादा संख्या में ही जादा होंगे तो,हिंदुराष्ट्र तो बनेगा भी कैसे ?
यहां पर तो अधर्मीयों का और आक्रमणकारियों का साथ देनेवाले, गद्दार जयचंद तो पग पग पर पडे हुए है !
इसी कारण से,
हिंदुराष्ट्र बनाने में,बाधाएं तो आयेगी ही !

इसिलिए ऐसे नतदृष्टों को समझाने के लिए योगीबाबा जैसा महापुरुष ही चाहिए !
छातीठोक के बोलने वाला !
छातीठोक के काम को बढाने वाला !
छातीठोक के कार्य को आगे ले जाने वाला !

” जो जैसी भाषा समझता है,उसी में उत्तर दिया जायेगा ! ”
ऐसी छातीठोक के सिंहगर्जना करनेवाला !!!

सुधर जाव हिंदुओं !
सत्य का और ईश्वरी सिध्दांतों का विरोध मत किजिए !
सत्य का साथ दिजिए !
सत्यवादी व्यक्तियो का साथ दिजिए !
मोदी योगीजी का भरभरके साथ दिजिए !
सभी के अखंड कल्याण के लिए !
राष्ट्रहित के लिए !

एक आदर्श इतिहास बन रहा है !
इसिलिए मोदीजी, योगीजी का साथ दीजिए !

शायद,यही तुम्हारे फायदे में रहेगा !
और योगीबाबा की भाषा भी समझिए,
” कायदे में रहोगे,तो फायदे में रहोगे ! ”

अन्यथा ?
इतिहास में तुम गद्दार जयचंद ही कहलाओगे !
और इतिहास तुम्हें कभी माफ भी नहीं करेगा !

हरे कृष्णा !!!

Related Post

Translate »
error: Content is protected !!