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*खून खौलता है*
✍️ २७४९

हरदिन खुली आंखों से की गई गोहत्याएं देखी नहीं जाती…
खून खौलता है …
मगर क्या करूं ???
सबकुछ असहाय मन से देखना पडता है

हरदिन के हिन्दुओं पर हो रहे भयंकर अत्याचार ही अत्याचार …
देखे नहीं जाते
खून खौलता है
मगर क्या करूं ???
असहाय मन से सबकुछ देखना पडता है …

अत्याचार अत्याचार और अत्याचार …
चारों ओर सत्य पर अत्याचार …
खुली आंखों से देखा नहीं जाता …
मगर क्या करूं ???
सबकुछ असहाय मन से देखना पडता है …

बेचैन अस्वस्थ होकर
दुखी मन से
सबकुछ हरदिन देखना पडता है

अनगीनत समस्याओं का हल शून्य , उत्तर भी शून्य …

करूं तो क्या करूं ???
व्यर्थ नरदेह दिया तुने ईश्वर
सिर्फ अन्याय अत्याचार देखने के लिये ??

ईश्वर भी आँखें बंद करके
बैठा है ??
गोपाल की गौमाताएं
आक्रंदन कर रही है…
फिर भी न जाने क्यों ??
गोपाल भी शांत है ???

गोपाला गोपाला रे
तुझे आना पडेगा…
वचन गीता वाला तुझे
निभाना पडेगा…

*जय श्रीकृष्ण*

*विनोदकुमार महाजन*

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