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स्वाभिमान शून्य, लाचार हिंदुओं

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स्वाभीमानशून्य, लाचार हिंदुओं…
✍️ २१५९

विनोदकुमार महाजन
——————————
स्वाभीमानशून्य, लाचार हिंदुओं
धिक्कार है तुम्हारा,त्रिवार धिक्कार है !
क्यों ?
क्योंकी….
जरा खुद का आत्मपरीक्षण और अवलोकन करके तो देख लो !
क्योंकी स्वाभीमान, आत्मसन्मान तुम खो चुके हो !
और लाचार, हीन – दीन बन गये हो !
कैसे ?
तो मेरा यह लेख विस्तार से पढो ! ( जो हिंदुत्व की लडाई दिनरात लड रहे है… उन सभी का साथ देकर ! )
मैं तुम्हारा स्वाभिमान जगाने को आया हूं!
और तुम सभीको एक स्वाभिमानी नवजीवन देने को आया हूं !
इसिलिए सोचो,गहराई से सोचो !
और जाग जाओ !
गहरी नींद से जागो !!!

हमारे महापुरूषों का,हमारे देवीदेवताओं का,हमारे आदर्शों का,हमारे संस्कृती का,हमारे धर्म का ,हमारे धर्म ग्रंथों का,अगर कोई बारबार अपमान करता है…और हम मरे हुए मन से सबकुछ सहन करते है…
तो…?
हमारे जैसा निद्रीस्त,कृतघ्न कौन हो सकता है ?
हमारा स्वाभीमान सचमुच में मर गया है ? क्या हम सचमुच में जींदा लाशें बन गये है ?

क्या आक्रमणकारी मुगल, अंग्रेजों की गुलामी करते करते हमारा आत्मसंन्मान ही मर गया है ? हम कठपुतलियां बन गये है ? हम सदा के लिए हीन – दीन – लाचार – दुर्बल – हतबल बन गये है ?

कहाँ है हमारा स्वाभीमान ?
कहाँ है हमारा आत्मसंन्मान ?
पशुपक्षीयों को भी आत्मसंन्मान होता है ! एक बार ताडित करनेपर अबोल,मूक पशुपक्षी भी वह स्थान त्यागते है…अथवा अपमानित करनेवाले को भूलते नहीं है !

और हम ???

सोचो,समझो,जानो,जागो !
हमारे अस्तित्व की यह लडाई है !
हैवानियत चारों तरफ से हमें,हमारे संस्कृति को,हमारे आदर्शों को,हमारे ईश्वरी सिध्दांतों को घेरने की कोशिश में
दिनरात लगी हुई है !
और हम ?
मरे मन से जी रहे है !
अथवा पैसा कमाने की होड में लगे हुए है !

जिन्होंने हमें बरबाद किया,जिन्होंने हमें रूलाया – तडपाया,हमें गुलाम किया,हमारे स्थानों से हमें पूरी तरह से बरबाद करके भगाया…

क्या फिरसे… ” उन्हीं को…”
हम हमारा मान रहे है ?
उन्हीं का सहयोग कर रहे है ?
उन्हीं की झोलीयाँ भर रहे है ?

क्यों ???

हमारे पूर्वजों का जिन्होंने भयंकर बरबर्ता पूर्वक अत्याचार किया,हमारी जमीनें – धन – दौलत – जायदाद भरभरके लूट ली…
” उन्हीं का …”
हम सहयोग कर रहे है ?

आक्रमणकारी मुगल, अंग्रेज ने हमें ,हमारी संस्कृति को तहस – नहस करने का दिनरात प्रयास किया,हमारे मंदिरों का विध्वंस किया,कश्मीर से भी हमें भगाया, केरल, पश्चिम बंगाल में भयावह माहौल है !

तब भी हम नींद में है ?
आखिर हम कब जागेंगे ?
कब सुधरेंगे ?

इसीलिए साथीयों,
हमें बरबाद करनेवालों का साथ मत दिजिए !
बल्कि हमारे हितों की रक्षा करनेवालों का,निरंतर साथ दिजिए !

चाहे कोई सामाजिक संगठन हो,अथवा राजनैतिक !
हमें बरबाद करनेवालों का,दिनरात ऐसा ही सपना देखने वालों का साथ मत दिजिए !

ऐसा कौन है जानिए, पहचानीए !

यह आत्मघात है !
जागीए !

समय भयंकर कठिन है !

इसीलिए…
हमें सुरक्षित रखनेवालों का,हमारी अगली पिढी को सुरक्षित रखने वालों का,हमारी संस्कृति, सभ्यता, आदर्शों की रक्षा करनेवालों का साथ दिजिए !

सचमुच में हमारा तारणहार कौन है यह जानिए !

हमें केवल और केवल बरबाद ही…
” करनेवालों ” का साथ छोडिये !
” उनको ” पहचानीए !
और…???
” अपनों की ” शक्ति बढाईये !
सदा के लिए !

सदा के लिए सत्य की जीत किजिए !
सदा के लिए मानवतावादीयों का साथ दिजिए !
हमारा अखंड कल्याण करनेवालों का साथ दिजिए !
ऐसा दिनरात प्रयास करनेवालों का साथ दीजिए !
हमारा आत्मसंन्मान बढाने वालों का साथ दिजिए !

और…???
हमारा सर्वनाश करनेवाले,
हाहाकारी हैवानों का और हैवानियत का साथ छोडिए !
सदा के लिए !

समझ गये ???
अब हरएक को तो समझदार तो बनना ही पडेगा !

बाकी…?
अगले लेख में !

बोलो…
हर हर महादेव !!!

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