नौटंकी करके दूसरों को
फँसाने से बेहतर है,
कठोर शब्दों द्वारा स्पष्ट
वक्ता बनकर असलीयत
समझाना…
किसी की नफरत करने से
बेहतर है,
उससे सदा के लिए
दूर चले जाना…
कपट निती से चलने से
बेहतर है,
झूटे को झूटा और सच्चे को
सच्चा बोल देना…
मिठी मिठी बाते करके
दूसरों का घात करने से
बेहतर है ,
कठोर शब्दों द्वारा
उसको सुधारने का मौका देना…
क्योंकी कपटी मित्र से बेहतर
दिलदार शत्रू होता है
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन