केवल मेसेज पढने से,सोचने से कुछ हासिल नही होगा।
अब राष्ट्रद्रोहीयों की कमर तोडने के लिए कृती चाहिए।
सामाजिक तौरपर , शासकीय तौर पर भी….
देखो,👇👇👇
हर जगहों पर कितना भयंकर गुप्त एजेंडा चलाया जा रहा है ?
विनोदकुमार महाजन
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ये बिजनेस है या कुछ और_?
लखनऊ शहीद पथ के पास में खुल गए मियां युसुफ के लुलु माॅल की सच्चाई —-
केरल में मलयाली मेगा मॉल की एक प्रसिद्ध शृंखला है, जो केरल में बहुत लोकप्रिय है और कर्नाटक में फैल रही है। इस माॅल का नाम लुलु (Lulu) है। इस माॅल के मालिक का नाम युसुफ है। यह कन्नूर, कासरगोड, कोझीकोड और मलप्पुरम आदि में ऐसे मॉल स्थापित नहीं करना चाहता है, क्योंकि वहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक हैं,हिन्दू और ईसाई कम हैं, किन्तु यह एर्नाकुलम, तिरुवनन्तपुरम या किसी अन्य क्षेत्र में माॅल खोलना चाहता है जहाँ काफिर यानी हिन्दू या ईसाई बहुसंख्यक हैं। इसका पहला कारण यह है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में यदि वह अपना माॅल खोलेगा तो मुसलमानों द्वारा चलाई जा रही छोटी छोटी दुकानों को हानि होगी। यह उन क्षेत्रों में अपना मॉल स्थापित करना चाहता है, जहाँ काफिर यानी हिन्दू और ईसाई बहुसंख्यक हैं ताकि काफिरों यानी हिन्दुओं के छोटे व्यवसाय नष्ट हो जायें।
इसका दूसरा कारण यह है कि वह एक मॉल में 20,000 कर्मचारियों की भर्ती करता है। इनमें से 10,000 मलप्पुरम के मुस्लिम युवा होते हैं और 10000 काफिर यानी हिन्दू लड़कियां और महिलायें होती हैं । ये मियां हिन्दू लड़कों को बिल्कुल नहीं रखते हैं, इस प्रकार 10,000 मुस्लिम पुरुष लड़के और 10000 युवा काफिर यानी हिन्दू लड़कियों के साथ बातचीत करते हैं उनको हर तरह की पूरी खुली छूट होती है हिन्दू लड़की को पटाने की । इस तरह से लव जिहाद भी जोरों पर चल रहा है। उनमें से अधिकांश लड़कियाँ और उनके परिवार वाले चुप हैं, क्योंकि विरोध करने पर उपर्युक्त लड़कियों की नौकरी को खतरा है।
इसका तीसरा कारण यह है कि ऐसा करने से 10,000 वफादार मुस्लिम युवाओं को एक परिवार के रूप में काफिरों यानी हिन्दुओं की भूमि या घरों में किराए पर प्रवास करने का अवसर मिलता है।
कम से कम एक विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार की जीत का निर्धारण करने के लिए 30,000 लोग पर्याप्त होते हैं। इसलिए लुलु मेगा मॉल्स सदा काफिर यानी हिन्दू बहुल क्षेत्रों में ही बनाये जाते हैं। इसके लिए इसका मालिक वैश्विक स्तर पर आतंकी फंडिंग के लिए कुख्यात अरब देश कतर से पैसे जुटा रहा है।
लुलु मॉल का मालिक युसूफ है और इस माॅल के लिए पैसा, तालिबान के लिए सबसे अधिक सहायक देश कतर से आ रहा है। कतर लम्बे समय से जिहादियों का समर्थन भी करता आ रहा है। इसलिए सभी गैर मुस्लिमों के लिए अच्छा होगा कि वे रिलायंस, सेंट्रल, बिग बाजार और मॉल ऑफ जॉय का समर्थन करें और उन्हें प्रोत्साहित करें।
एडापल्ली में लुलु के आगमन के कुछ ही वर्षों के बाद, वहाँ व्यापार करने वाले गैरमुस्लिमों यानी हिन्दुओं के लगभग 50 छोटे व्यवसाय बन्द हो गये और वहाँ कई नये जिम ,बुटीक,जावेद हबीब के सैलून, सहनाज हुसैन के ब्यूटी पार्लर, स्पा सेंटर, होटल, हुक्का बार ,जूस सेंटर, साइबर कैफे, बैग की दुकानें और ऑप्टिकल दुकानें खुल गईं थीं, जिनमें से लगभग सभी के मालिक मुस्लिम थे। देखिये कि कैसे किसी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था बदल दी गई। इसका एक उदाहरण, अब एडापल्ली से पुकट्टुपदी तक के क्षेत्र में देखा जा सकता है। त्रिक्काकारा नगर निगम में हुए परिवर्तन को सभी स्पष्ट रूप से देख सकते थे।
यूपी के लखनऊ शहर में भी शहीद पथ के पास मियां युसुफ का लुलु माॅल खुल गया है।
उपर्युक्त सन्देश से आपको क्या सीख मिलती है ?
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