यारों का भी यार।
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दुख दर्द में साथ निभाएं
वही सच्चा साथी
होता है।
मुसिबतों में सच्चा
साथ दें
वही सच्चा दोस्त
होता है।
इस स्वार्थ के
मायावी बाजार में
क्या सचमुच में मिलेंगे
यार दिलदार
यार के भी यार
जिसके लिए कर सके
हम जान भी कुर्बान।
इसिलिए एक
पुरानी कहावत है…
“आँस का बाप…
निरास की माँ…
होते की बहन…
जोरू साथ…
पैंसा गाँठ…
और…
निदान का दोस्त।”
यारों का भी यार
दिलदार।
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— विनोदकुमार महाजन।