Mon. Dec 29th, 2025

इ है बम्बई नगरीया

Spread the love

*इ है बम्बई नगरीया तो* *देख बबूआ*
✍️ २७४४

*विनोदकुमार महाजन*

🤔🤔😜😜🫢

अमिताभ बच्चन जी का एक पुराना लोकप्रिय गाना है…
” इ है बम्बई नगरीया तो देख बबूआ…सोने चांदी की नगरीया तो देख बबूआ…”

सचमुच में बम्बई नगरीया
एक मोहनगरी है
मायाजाल की नगरी है
एक मायानगरी है
सोने चांदी की खनखनाहट वाली नगरी है …!

पैसा , नाम , इज्जत कमाने के लिये लोग यहाँ आते है !

मुझे मेरे एक मित्र ने कहा था की ,
“अगर मुंबई में आकर बहुत बडा आदमी बनना है तो , वहां की , मुंबादेवी है , उसके दर्शन करके अपनी इच्छाएं माता को बताने से , माँ हमारी सारी मनोकामनाएं पुरी करती है ! ”

मैं भी मुंबादेवी के दर्शन के लिये गया था !
वैश्विक कार्य को गती जो देनी है ?
वहां के सिध्दी विनायक , महालक्ष्मी मंदिर भी गया !

मगर मैंने मेरे खुली आंखों से मुंबई में क्या देखा ?

भयंकर जनसंख्या विस्फोट ?
लोकल ट्रेन की भयंकर भीड ?
जीवन जीने का भयंकर संघर्ष ?
किडे मकौडे जैसा
अ – मानवीय अर्थहीन जीवन ?
भयंकर गंदगी भरा भागदौड का जीवन ?
गंदगी में बसी हुई छोटी छोटी जुग्गी झोपडीयां ?
चौबिसों घंटे समंदर की भयंकर गर्म और असह्य हवाएं और उसके कारण हर आदमी का पसीना पसीना और थकान ?
हर जगह गंदगी भरी गटर की भयंकर बदबू ?
इंडस्ट्रियल एरिया के गंदे पानी की गंदी बदबू ?
चारों ओर फैला हुवा अती भयावह प्रदुषण ?

भयंकर नारकीय जीवन प्रणाली…???

फिर भी मुंबई में लोग आते है ! ? हरदिन ! ?
हजारों की संख्या में ! ?

अनगीनत प्रश्न और उत्तर ? ?
शून्य…!!!

समस्या ही समस्या !
चारों ओर भयंकर समस्या, प्रशासनीक तान तनाव !

फिर भी मुंबई में हर दिन हजारों की संख्या में लोग क्यों आते है ?
रोजी रोटी के लिये ?
कुछ नाम कमाने के लिये ?
धन दौलत कमाने के लिये ?
परीवार की जिम्मेदारी पूरी करने के लिये ?

वरिष्ठ स्तर पर इसका कोई, भयंकर समस्याओं का , अनगिनत समस्याओं का उत्तर है या नहीं ??

उत्तर है !
प्रशासकीय इच्छा शक्ती जागृत होना और हल ढूंडना !

तेजिसे बढती हुई लोकसंख्या पर नियंत्रण प्राप्त करना है तो सबसे पहले ,
सरकार को यहाँ की इंडस्ट्रीज कम करनी होगी !

देश के विभिन्न कोने कोने में जहाँ लोगों को रोजगार की उपलब्धी नहीं है , वहाॅं पर ,
धीरे धीरे इंडस्ट्रियल एरिया को स्थानांतरीत करना पडेगा !

परिणाम ?
जनसंख्या विस्फोट कम होगा !

मुंबई देश की आर्थिक राजधानी जरूर है !
मगर ऐसी जीवन प्रणाली मनुष्य प्राणी के लिये लगभग शाप जैसा है ! ?

आजादी के बाद का , मुंबई शहर बसाने का , संपूर्ण नियोजन का अभाव , ? यही सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं का उत्तर है ! ?

मुंबई को मतलब यहाँ के इंडस्ट्रीज को , देश के अनेक हिस्सों में स्थानांतरीत करना लगभग असंभव सा कार्य जरूर है !

हर जगहों पर लाईट , पाणी , कच्चा मटेरियल , ट्रेंड लेबर , मार्केट और उसके लिये उपलब्ध यातायात के अपेक्षित संसाधन !?

प्रशासकीय इच्छा शक्ती , कडी मेहनत , लगन दिखाएंगे तो ?
बढती लोकसंख्या और उसके कारण बढती हुई मुंबई की भयंकर मुसिबतों को और परेशानियों को कम किया जा सकता है , इसपर विस्तार से और विस्तृत नियोजन करना होगा !

इंडस्ट्रीज स्थानांतरीत होने के कारण , वहां के लोकल लोगों को रोजगार की उपलब्धी भी होगी !
और धीरे धीरे मुंबई में बढती लोकसंख्या और जनसंख्या विस्फोट और उसके कारण निर्माण होने वाली अनेक समस्याओं का हल शायद मिलेगा !

जरूर मिलेगा !

इ है बम्बई नगरीया तो देख बबूआ…!!!

यहाँ स्वर्ग नहीं बल्की नर्क का जीवन है !
शायद लोगों को ऐसे भयंकर असह्य और गंदगी भरी जीवन से मुक्तता मिलेगी !

मगर इसके लिए पर्याप्त पर्याय कौन देगा ?

शायद विश्वकर्मा भगवान ही मुंबई नगरी के भयावह समस्याओं पर यथोचित हल निकालेंगे ?

ऐसी ही आशा करते है !

*विश्व कर्मा भगवान की* *जय हो !!*

👆🤔🙏✅🚩

Related Post

Translate »
error: Content is protected !!