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कर्तव्य कठोर महापुरुष !!

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कर्तव्य कठोर महापुरुष !!
✍️ २२१४

विनोदकुमार महाजन
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महापुरुष,
हमेशा अपने कर्तव्य के प्रती जागरूक होते है,तत्पर होते है,दक्ष होते है !
अपने उद्दीष्ट पुर्ती के लिए,
दिनरात मेहनत करते रहते है !
श्रद्धा, विश्वास के साथ,
हर कदम अपनी ध्येयसिद्धि की ओर,निरंंतर बढते रहते है !

मोहमाया त्यागकर !
रिश्तेनाते त्यागकर !
सत्ता – संपत्ति का मोह छोडकर !

अनेक महापुरुषों ने,अपने उद्दीष्ट पुर्ती के लिए, सदा के लिए,
घर – परिवार त्याग दिया !
रिश्ते – नाते त्याग दिये !

घर – परिवार का कौन सुखी है ?
कौन दुखी है ?
इसकी कभी फिकर,चिंता नहीं की !
निरंंतर कार्यतत्परता और कर्तव्य कठोरता !

अपने ध्येयसिद्धि के लिए,
एक बार
घर – परिवार,
रिश्ते – नाते,
मेरा – तेरा,
अपना – पराया,
त्याग दिया, तो सदा के लिए त्याग दिया !

सावरकरजी ने अपने घर परिवार की व्यर्थ की चिंता नहीं की !
सुभाषचंद्र बोस जी ने अपने घर परिवार की चिंता नहीं की !
अनेक क्रांतिकारियों ने अपने घर परिवार की चिंता नहीं की !

और आज के दौर में ?
मोदिजी – योगीजी जैसे महापुरुषों ने,
देश – धर्म के लिए,
समाज उत्थान तथा समाज उध्दार के लिए,
अपना सबकुछ छोड दिया !
सदा के लिए !

धन्य है ऐशी महान आत्माएं !
ऐसे सभी पवित्र आत्माओं को,
त्रिवार वंदन !

समाज हित तथा राष्ट्र हित के लिए, सर्वस्व का त्याग करनेवाले, ऐसे महान आत्माओं को भी,इस देश में,निरंंतर बुरे लोगों का भी सामना करना पडता है !

ऐसे महात्माओं पर,और उनके कार्यों पर भी किचड उठाने वाले भी,जब मिलते है,तब आत्मक्लेश होते है !

धन्य है…हमारे देश के ऐसे लोग !
जो सत्पुरुषों को,महात्माओं को भी नहीं छोडते है !
धन्य है ऐसे विषारी लोगों के माँ बाप,
जिन्होंने…
सत्यवादीयों को भी परेशान करनेवाले, विषारी साँपों को जन्म दिया !

कौन ?
हमारे, अपने !! ?

हरी ओम्

🙏🙏🙏

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