” सोशल मिडिया ” के शेरों
हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए ?
लगे रहो !!!
✍️ २२०४
विनोदकुमार महाजन
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सोशल मीडिया के शेरों,वीरों,
हिंदुराष्ट्र बनने तक हमें,
लगे रहना है !
डटकर लगे रहना है !
उद्दीष्ट पूर्ती तक पिछे नहीं हटना है !
क्योंकी,
ना जादा संख्या में अखबार वाले यह यथोचित मुद्दा उठायेंगे ! और नाही टिवी चैनल वाले !
और ” हमारी माँगे पूरी करो…”
का विस्तृत नारा देकर, रास्ते का जनआंदोलन, अथवा व्यापक जनआंदोलन भी हम नाही खडा कर सकेंगे !
क्योंकि ऐसा जनआंदोलन खडा करने के लिए, अपेक्षित माहौल बनाने के लिए, और अपेक्षित परिणाम साध्य करने के लिए,
जो व्यापक तथा सर्वसमावेशक निती बनानी पडती है ! वह तगड़ी निती तो है हमारे पास !
मगर,
इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात होती है,
” अपेक्षाकृत फंडिंग की …”
जो आज के दौर में हमारे लिए, असंभव है ! क्योंकि हिंदुहितों का कार्य आरंभ करने के लिए, तथा इसे व्यापक जनाधार का मुद्दा बनाने के लिए, आर्थिक सहयोग करनेवालों का अभाव और इसके लिए, सहायक होनेवाली, सामाजिक मानसिकता का अभाव !
यह भी अत्यंत महत्वपूर्ण बात है की, हिंदुहितों के कार्यों को आगे बढाने के लिए शायद हमारे ही हिंदु समाज की उदासीनता और ऐसी ही नकारात्मक मानसिकता ही अनेक प्रकार की रूकावटें निर्माण करती है !
फिर भी हमें,व्यापक रणनीति बनाकर और बुलंद हौसले रखकर ,हमारे उद्दीष्टों को पूरा करने के लिए, एक एक कदम हमें बडे निश्चयपूर्वक और निश्चल होकर ,दृढतापूर्वक आगे बढाने ही होंगे !
और अपेक्षित परिणाम साध्य होनेतक, चौतरफा हमला और वैचारिक मंथन द्वारा कार्य आगे जारी रखना होगा !
इसके लिए, बुलंद हौसला और…धीरोदात्तता भी जारी रखनी ही होगी !
हिंदुराष्ट्र निर्माण के लिए आज जो महत्वपूर्ण बाधाएं है,उसको भी समझना होगा ! सरकार की मजबुरीयों को भी समझना होगा ! प्रचलित सरकार की इसी कार्य की इच्छाशक्ति तो जबरदस्त है ही !
मगर इस सर्वसमावेशक तथा सर्वहितकारी मुद्दों को, व्यापक जनआंदोलन का भी स्वरूप प्राप्त होना जरूरी है ! ताकी सरकार इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर, गंभीरता से विचार कर सकें !
समझों,
देश में सौ करोड़ हिंदु है…
तो उसमें से सौ प्रतिशत, मतलब सौ करोड़ हिंदुओं की,
” हिंदुराष्ट्र निर्माण की ” मानसिकता बनेगी, और उसे यथायोग्य दिशा मिलेगी
तो ? …
हिंदुराष्ट्र निर्माण के अपेक्षित परिणामों के लिए, अपेक्षित गती भी मिलेगी !
मगर सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है की,सौ करोड़ हिंदुओं की मानसिकता बनेगी कैसे ? और उसे बनायेगा कौन ?
और मैं नम्रतापूर्वक और बडे शालीनता से आप सभी हिंदुत्ववादियों को बताना चाहता हूं कि,
” मैं अकेला ही ऐसा अपेक्षित माहौल बनाने के लिए, ऐसा व्यापक जनाधार प्राप्त करने के लिए,ऐसा अपेक्षित वातावरण बनाने के लिए, उसके लिए एक जबरदस्त, शक्तिशाली,तगड़ी रणनीति बनाने के लिए, सक्षम हुं ! ”
मगर मुझे इसके लिए, अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिए, जो मुझे चाहिए, जो साधन मिलने जरूरी है…ऐसे साधन नहीं मिलेंगे ! और नाही मैं किसीसे ऐसी अपेक्षा करता हुं !
” एकला चलो रे ! ”
इसीलिए आज,
” सोशल मीडिया पर ” डटकर लगा रहा हूं ! और मुझे पता है, की यह सोशल मीडिया,एक ऐसा प्रभावी माध्यम है, जो ” एक दिन अपेक्षित परिणामों तक ” जरूर ले जा सकता है !
क्योंकि साधनों की कमी अथवा अभाव यह मुद्दा सोशल मीडिया के लिए गौण होता है !
अब सोशल मीडिया द्वारा, व्यापक तथा विस्तृत जनआंदोलन खडा करने के लिए क्या करना चाहिए, यह मैं आप सभी हिंदुत्ववादी साथीयों को बताता हूं !
१ ) सबसे पहले हमें,हम सभी को,
” अपने अपने शर्ट पर …”
हिंदुराष्ट्र का बैच बनाकर लगाना है !
२ ) हमारे देशविदेशों के सभी परिचितों को ऐसा करने के लिए, तैयार करना है !
३ ) चारों तरफ से
हिंदूराष्ट्र निर्माण का आवाज उठाना है,और उसे व्यापक बनाना है !
४ ) अनेक माध्यमों द्वारा इसे प्रभावी बनाकर, जनजनतक पहुंचाना है !
५ ) इसी विषय के अनुसार,कोई लेख लिख सकता है, गाना बना सकता है, बोल सकता है, भाषण दे सकता है !
६ ) आर्थिक स्थिति ठीक है अथवा फंडिंग की व्यवस्था बनेगी तो जबरदस्त तरीकों से फिल्मों का निर्माण भी कर सकता है !
७ ) सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है की,लोगों के मन में,इसी विषयानुसार,
” अपेक्षित जोश निर्माण करना है ! ”
अनेक माध्यमों द्वारा !
८ ) और इसका आधार है,
सोशल मीडिया का नेटवर्क बढाना !
जैसे ? मैं यह प्रभावी लेख लिखकर, चार – दो व्यक्तियों को जगाने का प्रयास तो कर रहा हूँ !
९ ) ठीक ऐसा ही चार – दो व्यक्तियों को जोडने का प्रयास आप सभी को जी तोड़ से करना है ! ध्यान रखिए, इसके लिए ना फंडिंग की जरूरत होती है, ना टिवी, अखबार जैसे प्रसार माध्यमों के सहयोग की !
और नाही व्यापक जनाधार की !
१० ) मैं अकेला क्या कर सकता हूँ ? ऐसी नकारात्मक मानसिकता त्यागकर,
मैं अकेला ही बहुत कुछ कर सकता हूँ !
ऐसी मानसिकता धारण करने की !
११ ) या इससे भी आगे की प्रचंड आत्मविश्वास पूर्ण मानसिकता,
” मैं अकेला ही काफी हूँ ! ”
१२ ) हो सके तो हर घर में संपर्क करके,
हिंदुराष्ट्र निर्माण का व्यापक अर्थ सभी को समझाना है !
और इसके लिए सभी को प्रेरित भी करना है !
१३ ) हर गाँव के मंदिरों में, यह व्यापक आंदोलन भी चलाना है !
१४ ) केवल और केवल कानून के दायरे में रहकर ही,कार्य को आगे बढाना है !
१५ ) हुल्लड़बाजी घातक साबित हो सकती है, इसका भी ध्यान रखना है !
तो ?
” चलों वीर साथियों,
सोशल मीडिया के तेजस्वी शेरों,
धीरे धीरे काफिला बढाते है !
कारवाँ भी बनाते है ! ”
मंजिल की ओर बडे हिम्मत से आगे आगे,हर एक कदम ?
आगे बढते है !
” हिंदुराष्ट्र हमारा मौलिक कानूनी अधिकार है, जिसे हम हर हालत में प्राप्त करके ही रहेंगे ! ”
” जी हाँ प्यारे साथियों ! ”
” ना कोई ऐसी आँधी है –
जो हमें रोक सकें !
ना ऐसा कोई तूफान है –
जो हमारे धधगते ईश्वरी तेज को बाधित कर सकें ! ”
” क्योकि हम सभी तेजस्वी ईश्वर की तेजस्वी संतांने है !
और यशस्वीता ही हमारी पहचान है ! ”
इसिलिए,
बडे जोश के साथ सबमिलकर बोलते हैं ?
जय जय श्रीराम !
हर हर महादेव !
जय महाँकाल !
हरे कृष्णा !
हरी ओम् !
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