Spread the love “महान कार्य के लिए लंबे समय तक महान और निरंतर, अथक प्रयास की आवश्यकता होती है। हजार बार ठोकरें खाने के बाद भी सर्वोच्च सिध्दांत तथा ध्येयवाद न छोडकर मंजिल की ओर निरंतर, नितदिन, हरपल बढते ही रहना चाहिए। ” हरी ओम् विनोदकुमार महाजन 00 Post Views: 510 Post navigation मोदिजी, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास… कैसे संभव होगा ???ईश्वरी इच्छा से वह आया है !!!