Mon. Sep 16th, 2024

शिवाजी दी ग्रेट बोलिए, अकबर दी ग्रेट बोलना छोडिये

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देशप्रेमी भाईयों,

शिवाजी,
द ग्रेट…!
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इस संस्कृति संपन्न देश में महानायक, वीर शिवाजी योद्धा है,शूर है,शेर भी है।
संस्कृति रक्षा के लिए क्रूर, अत्याचारी मुगलों को,अधर्मियों को, राजे शिवाजी ने चुन चुनकर मारा।पापियों को दंडित किया।
इसिलए इस देश में,
शिवाजी द ग्रेट
यही सत्य है।
पृथ्वीराज चौहान द ग्रेट,
महाराणा प्रताप द ग्रेट,
गुरू गोविंद सिंह द ग्रेट,
संभाजी द ग्रेट।
ऐसा ही यहाँ का इतिहास है।यही सच्चाई भी है।

तो फिर यहाँ पर…
अकबर द ग्रेट,
औरंगजेब द ग्रेट,
टिपु द ग्रेट,
तैमूर द ग्रेट….
क्यों और कैसे बन गए?
किसने बनाए ?
गलत इतिहास क्यों और किसने सिखाया ?
असली इतिहास क्यों नही बताया गया ?
हम भी इतने अंधभक्त बन गये,अज्ञान बन गए,मानसिक गुलाम बन गए की,
बिना हिचकिचाहट से हमने,
अकबर को ग्रेट बनाया।
सैफ अली खान अपने बेटे का नाम एक लुटेरा,
तैमूर रखता है हम,
उसी तैमूर को सरपर लेकर नाचते है।
हम इतने अस्तित्व शून्य कैसे बन गए ?
दूषण ही हमें भूषण लगने लगे,और भूषण ही दुषण लगने लगे।
आक्रमणकारी,लुटेरे, हत्यारे, मंदिरों को तोडऩे वाले,संस्कृति भंजकों को हम सर पर लेकर क्यों नाचने लगे ?
या फिर हम षड्यंत्रकारीयों का शिकार बनकर हमारा, हमारी संस्कृति का अस्तित्व ही खो बैठे ?

डिस्कवरी ओफ इंडिया में,
नेहरू,
महान राजे शिवाजी को लुटेरा कहता है,
हम क्यों सहते गए ?
गांधीजी राजे शिवाजी को,भटका हुवा देशप्रेमी कहते है।तो भी हम मौन और शांत क्यों बैठे रहे ?
आक्रमणकारियों को महान तथा प्रखर राष्ट्रभक्तों को छोटा दिखानी की होड में हम क्यों निस्क्रीय बन गए ?
हम अत्याचार क्यों सहते गए ?
सोचो,जागो।
सत्य को पहचानो।
अपना अस्तित्व, अपना भविष्य उज्ज्वल बनवाने के लिए,
हिंदु राष्ट्र निर्माण,
कार्य में बढचढकर हिस्सा लो।
अब के बाद, आक्रमणकारी,अत्याचारी,लुटेरा, हिंदुओं का हत्यारा, संस्कृति भंजक,मुर्तीभंजक,मंदिरों को गिराने वाला…
अकबर द ग्रेट..
नही होगा।
बल्कि,
आक्रमणकारियों को ,गद्दारों को,बेईमानों को,पापियों को,
चुनचुनकर मारने वाला,
धर्म रक्षा के लिए,
गद्दारों को सबक सिखाने वाला,
हमारा आदर्श, हमारा सर्वस्व,
देश और धर्म की आन – बान-और शान,
राजा शिवाजी ही,
इस देश में,
सदैव,
ग्रेट रहेगा।
इसीलिए आज से और अभी से हम सभी मिलकर,
बडे गर्व से,आनंद से कहेंगे।
शिवाजी द ग्रेट।

हरी ओम।
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क्रांतिकारी पत्रकार,
विनोदकुमार महाजन

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