
*निराधार सेवा संस्थान*
( सेवाभावी संस्थान )
✍️ २७३३
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वास्तव में दुनिया में लगभग सभी मनुष्य प्राणी साधारणतः सुख कम और दुख जादा भोगता है !
कोई आर्थिक परेशानियों से तंग है तो कोई बिमार है ,
तो कोई अनाथ – निराधार है !
केवल ईश्वर का ही सहारा !
तो किसीका प्रेम असफल रहता है या फिर एकतर्फा प्रेम में कोई फॅंस जाता है तो भी ऐसे व्यक्ती आजीवन दुखी ही रहते है !
दुख के अनेक कारण होते है !
सुखदुख बाॅंटने के लिये भी कोई स्थान नहीं है तो ?
और भी जादा दुख !
करें तो क्या करें ?
ऐसी स्थिती में व्यक्ती समाज में , रिश्तेनातों में अकेला पड जाता है !
रोने के लिये भी कोई जगह नहीं होती है…
तब वहीं व्यक्ती अंदर से संपूर्ण रूप से टूट जाता है , हताश , निराश होकर , अकेले जीवन जीने की लगातार कोशिश करता रहता है !
जिसपर पवित्र प्रेम किया , वहीं अगर घात करते है तो और मुसिबतों का दौर आरंभ हो जाता है !
किसी को पती ने छोड दिया है तो किसी को पत्नी ने छोड दिया है !
किसी को माँ का साया है मगर बाप नहीं , बाप है तो माँ नहीं , ऐसी स्थिती में संबंधित व्यक्ती मानसिक आधार होने के कारण , जीवन की लडाई लड सकता है !
मगर जिसे माँ भी नहीं , बाप भी नहीं और किसी दूसरे व्यक्ती का भी आधार , सहारा नहीं है तो ऐसे व्यक्ती घोर मुसिबतों में फंस जाते है !
विपरीत दुनियादारी उसे और तडपाती है , दुखदर्द , पीडा , यातनाएं देती है !
किसी के बेटे विदेशों में रहते है मगर माँ बाप की कोई चींता तक नहीं करते है , तब भी ऐसे व्यक्तियों को अनेक मुसिबतों का सामना करना पडता है !
और उपर से असहाय बनकर , किसी का बोझ बनकर जीने की स्थिती बनती है तो और मुसिबत !
ऐसे में उसका ह्रदय भी अंदर से टूट जाता है , छलनी होता है !
किसी को आर्थिक सहायता की जरूरत है , तो किसी को खाने की जरूरत है तो किसीको अस्पताल ले जानेवाला कोई चाहिए होता है !
तो किसीको मानसिक आधार की जरूरत होती है ! तो किसी को पवित्र ईश्वरीय प्रेम चाहिए होता है !
जाती पथ पंथ धर्म कौनसा भी हो , सभी निराधारों को , अनाथों को आधार की जरूरत होती है !
निराधार , अनाथ कहना भी अनेकों के लिये , लांच्छनास्पद लगता है !
ऐसी स्थिती में अनेक व्यक्ती भोंदू बुवा , बाबा के चक्कर में फॅंसकर खुद को और दुखी करते है ! और खुद को कोसते रहते है !
ईश्वर भी न्याय नहीं देता है ! ईश्वर भी दयालू नहीं कठोर होता है और अनेक सत्वपरीक्षाएं तथा अग्निपरीक्षाएं लेता रहता है !
लगभग संपूर्ण देश और संपूर्ण विश्व की लगभग यही स्थिती है !
ऐसी सत्य परिस्थितीयों का अध्ययन करके मैंने , अनेक निराधारों का , अनाथों का आधार बनने के लिये , उनके आंसू पोंछने के लिये , उन्हे दुखदर्द में मानसिक आधार और स्थैर्य देने के लिये , उन्हे उच्च ईश्वरीय प्रेम देने के लिये , मैंने ऐसा एक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन बनाने का संकल्प किया है !
निरपेक्ष ईश्वरी सेवा और संपूर्ण ममत्व , वात्सल्य द्वारा सभी को जीवन को नई दिशा देकर , उन्हे भी आनंददायी , स्वाभीमानी जीवन देकर , उनके जीवन का दुखदर्द हराना !
हर एक दुखितोंका आधार बनना !
सामाजिक संगठन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया मैंने आरंभ की है !
जो भी व्यक्ती , महात्मा संगठन के ट्रस्ट में आना चाहता है , वही व्यक्ती मुझे मेरे निचे के व्हाट्सअप पर अपनी पूरी जानकारी दें !
ट्रस्ट पर साधारणतः निराधार तथा अनाथ , निरपेक्ष तथा सेवाभावी व्यक्तियों को लेने का प्रयास किया जायेगा !
*अब संकल्प है हमारा , रोना नहीं लडना है !*
*नफरतों के बाजार में*
*यहाँ नफरत नहीं प्रेम* *मिलेगा*
( ट्रस्ट द्वारा अनाथों के लिये सामाजिक संस्थान , राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार के संपूर्ण सहयोग द्वारा अनेक योजनाएं बनाई जायेगी )
*विनोदकुमार महाजन*
( अंतरराष्ट्रीय पत्रकार )
मेरा व्हाट्सअप नंबर
08329894106
( केवल व्हाट्सअप के लिये )
*जय श्रीकृष्ण*
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