थोडा सोचते है…🤔
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क्या दुसरों को भगाकर
उसकी जमीन,मंदिर
या प्रार्थना स्थल हडपना….
धर्म है…???
सभी का धन हडपना
क्या कोई धर्म है…???
और उपर से मस्त..
रहना…मस्त जीना..
और दुसरों को ही
तत्वज्ञान सिखाना…
क्या कोई धर्म है…??
इंन्सानियत का गला रेतना…
उपर से खुद को..
“देवदुत”बताना..
क्या कोई धर्म है…???
क्या दुसरों की औरतों को भगाकर गुलाम,
दासी बनाना…
उसके साथ जबरदस्ती
करना…बलात्कार करना…
क्या धर्म है….???
और अगर है तो–???
ये कैसा धर्म…
कौनसा धर्म…???
बताओ..बताओ…
भाईयों…
सोच समझकर बताओ…
प्राणीयों में भी भगवान
देखकर उसकी पूजा
करने के बतौर…
उसको ही काटकर खाना…
उपर से हिंसा का भी..
समर्थन करना…
खुद के झुट के लिए
दंगा फसाद करते रहना
भी कोई धर्म है…???
बताओ…बताओ…
मेरे सभी प्यारे मित्रों
सभी पथ-पंथ-जाती
के मित्रों….
क्या यह सचमुच में
धर्म है…???
या ईश्वरी सिध्दांतों के
खिलाफ चलने वाली..
या फिर गुनहगारों की
टोली है…???
पुराण काल में असुर
इंन्सानों का माँस
आनंद से खाते थे…
अब भी ” कुछ”हैवान..
इंन्सानों को ही काटकर
खा रहे है…
तो क्या यह धर्म है…????
बस्स…युं ही मन में
प्रश्न आया और
आपको पुंछ लिया…
उत्तर तो देना पडेगा साथियों….
क्या सचमुच में यह
धर्म ही है….???
या हैवानियत का…
राक्षसों का ….
अधर्म है….???
और धर्म के नाम पर
अधर्म फैलाकर..
इंन्सानियत को मारना
ईश्वरी कानून का भी..
विरोध करना…
क्या सचमुच में धर्म ही है….????
बात तो कडवी है…
मगर सच्ची भी है…
इसिलिए विश्व के सभी
ईश्वर प्रेमियों को…
इंन्सानियत के
रखवालों को इसपर…
विचार करके…
सही क्या गलत क्या..
इसपर रास्ता निकालना
ही होगा….
क्या सचमुच में इसका
हल ढुंढने के लिए…
“कल्की”को आना होगा…???
और पृथ्वी पर लगे…
“पाप के कलंक को…”
अब धोना होगा…???
भविष्य इसका इंतजार..कर रहा है…
आओ सब मिलकर
इसपर “वैश्विक मंथन”,
करके हल निकाले…।
हरी ओम…
हरी हरी:ओम…।
🙏🕉
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— विनोदकुमार महाजन।