हिंदु संस्कृति की महानता संपूर्ण विश्व को स्विकारनी ही होगी
दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशाला सर्न ( स्विट्ज़रलैंड ) जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्य खोजने के प्रयासों में लगी थी,एक बार कट्टर चर्चों के निशाने पर आ गयी ।। कारण था कि उसने अपनी लैब परिसर में भगवान शिव के नृत्य स्वरूप “नटराज” को स्थापित किया था ।।
विवाद आगे बढ़ा तो वैज्ञानिकों को आगे आकर कारण बताना पड़ा, उन्होंने कहा कि हाल-फिलहाल विज्ञान ने एक खोज की है जिसे “कॉस्मिक डांस” कहा गया है, यानी ब्रह्मांड में कोई भी कण स्थिर नहीं है, बल्कि हर क्षण नृत्य अवस्था में है, यही बात हज़ारों वर्ष पहले हिन्दू संस्कृति नटराज के माध्यम से कहती है, विश्व में एकमात्र हिन्दू धर्मग्रंथ हैं जो सृष्टि के बनने बिगड़ने के बारे में बात करते हैं, इसलिए हमने नटराज को लगाया ।।
महान वैज्ञानिक कार्ल सर्गन ने तो यहां तक कहा “जहां विज्ञान अब जाकर अलग-अलग समयचक्र की बात स्वीकार करने लगा है, हिन्दू शास्त्रों में हज़ारों वर्षों से कहा गया है कि ब्रह्मा का एक दिन 8.4 अरब वर्षों का होता है, जो धर्म कॉस्मोलॉजी पर इतनी गहन बातें करता हो, तो एक कॉस्मोलॉजी लैब होने के नाते सर्न को नटराज स्थापित करने में कोई हर्ज नहीं है” ।।
ऐसे कितने ही उदाहरण हैं जो हिन्दू शास्त्रों को आधुनिक विज्ञान से आगे साबित करते हैं ।।
गर्व कीजिये की आप सनातनी हैं ।
सनातन धर्म की जय….
गर्व किजिए हम सनसनी है।
हरी ओम्
संकलन : – विनोदकुमार महाजन