” *ब्लैक मैजिक ” और मनुष्य*
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क्या सचमुच में
ब्लैक मैजिक होती है ?
जी हाँ !
यह वास्तव है , बल्कि कोई कल्पना नहीं है !
जैसे हमारी आत्मा होती है मगर दिखती नही है ,
वैसे प्राणवायु भी होता है ,
और वही अदृश्य प्राणवायु हमारे आत्मा और बाहरी निराकार ब्रम्ह से जूडा रहता है ! निरंतर !
सभी अदृश्य मगर फिर भी विश्वसनीय सत्य !
इसे कोई भी नकार नहीं सकता है !
तो इसी आत्मा से अथवा आत्मशक्ति से संबंधित मंत्रशक्ति भी होती है !
इस मंत्रशक्ति के प्रभाव और परिणाम अब विज्ञान भी स्विकारने लगा है !
और ऐसी मंत्रशक्तीयों का प्रभाव भी अदृश्य ही होता है ! मगर परिणाम तो दिखाई देते है !
ठीक इसी प्रकार से मंत्रशक्तीयों पर आधारित ब्लैक मैजीक भी होता है !
किसी का बुरा करने के लिए ही ऐसे ब्लैक मैजीक का दुरूपयोग किया जाता है !
करणी , भानामती ,मूठ , जारण , मारण ,उच्चाटन इसी मंत्रशक्तीयों द्वारा किए जाते है !
पिशाच और पिशाच बाधा अलग होती है ! और पिशाचों को अथवा स्मशान साधना द्वारा , प्रेतों द्वारा
मंत्रशक्तीयों द्वारा वश में करके उसके द्वारा बुरे कर्म किए जाते है , इसे ही ब्लैक मैजीक कहते है !
ब्लैक मैजीक भयंकर होती है और शायद इसकी काट भी जानकार व्यक्ति ही कर सकता है !
घर में हमेशा झगड़ा कटकट चालू रहना, बिमारीयाँ बढती रहना , आर्थिक समस्याओं का निरंतर सामना करना ,अनेक प्रयास करनेपर भी यश ना मिलना ,
ऐसे अनेक विषय इसमें आते है !
अनेक बार डाँक्टरी इलाज, उपचार भी काम नहीं आते है , सारे टेस्ट भी नाँर्मल आते है , और रोग का निदान करना भी डाँक्टरों को असंभव होता है , तब ऐसा मामला ब्लैक मैजीक का हो सकता है !
अच्छा आदमी अचानक बिमार होना , पागलों जैसी हरकतें करना , सपनों में चील्लाना , सपनों में गाली गलौच करना , अनेक बार बूरे सपने आना ,सपनों में हमेशा भूत प्रेत पिशाचों के बारबार दर्शन होना ऐसा मामला भी ब्लैक मैजीक का हो सकता है !
मैं एक विज्ञानवादी ,मानवतावादी पत्रकार हूं ! इसिलिए हर चीज परखकर, जाँचकर ही लेता हूं !
इसी आधार पर मैंने अदृश्य जगत का भी अभ्यास किया है !
जब विज्ञान समाप्त होता है तब अध्यात्म शुरू होता है !
और अध्यात्म में अनेक जटिल समस्याओं का निराकरण भी होता है !
जैसे आत्मा परमात्मा , अदृश्य शक्तीयाँ , अदृश्य मंत्रशक्ति और उसके प्रभाव,
यह सब विज्ञान का नहीं बल्कि अध्यात्म का विषय है ! मगर गूढ़ विषय और गूढ रहस्यों का भी है !
मेरे पास दैवीय शक्तीयों का निरंतर वास होने के कारण ,
ऐसे विषय जैसे आत्मा और उसकी खोज , पिशाच शक्ति जैसे विषयों पर मैं आत्मानुभूति के आधार पर विस्तृत लेखन भी करता रहता हूं !
पिशाच शक्तीयों का भी मैं निरंतर अनुभव करता हूं ,मगर मेरे पास जागृत दैवी शक्तीयाँ होने के कारण पिशाच मुझे कभी भी पीडा अथवा तकलीफ नहीं देते है ! उल्टा मुझसे दूर भागते है !
ऐसे अनेक आश्चर्यजनक अनुभव मेरे जीवन में अनेक बार आये हुए है !
इस छोटेसे लेख में यह विषय पूर्ण होनेवाला नहीं है ! इसी विषय पर बहुत बडी किताब भी बन सकती है !
खैर !
आज समाज में हर विषयों में संभ्रम जैसी स्थिति पैदा हो रही है ! अनेक गलत , स्वार्थी ,अहंकारी ,भोंदू लोगों द्वारा वैयक्तिक स्वार्थों के लिए ,सभी क्षेत्र बदनाम किए जा रहे है !
इसी विषय में पैसों की लालच तो बहुत ही खराब बात है !
इसी कारण से हर क्षेत्र बदनाम हो रहा है !
ठीक ऐसे ही लोगों द्वारा ब्लैक मैजीक के नाम से लोगों को फँसाने वाले , पैसा हडपने वाले ,अनेक प्रकार हमेशा सामने आते है !
ऐसे लालची , भोंदू बूवा बाबा फकीर समाज को गलत दिशा में ले जा रहे है !
क्योंकि जब श्रद्धा अंधश्रद्धा का विषय सामने आता है तब गलत और भोंदू लोगों के कारण श्रद्धा बदनाम होती है , और साधारणत:
अंधश्रद्धा के नाम पर श्रध्दा भी कुचल दी जाती है !
कभी कभार उपद्रवी लोग भी श्रद्धा और अंधश्रद्धा में तफावत करके , मूल श्रद्धा के विषयों को भी विवादित बना देते है !
और इसी कारण समाज में फिरसे और जादा संभ्रम फैलता है और समाज मन ऐसे संभ्रम के कारण विचलित हो जाता है !
और उसे सत्य और असत्य का फर्क समझना ही मुश्किल हो जाता है !
खैर , ब्लैक मैजीक यह विषय भी विवादित तो है ही ! मगर जिसको ऐसे भयंकर और विनाशकारी अनुभव आते है वह व्यक्ति इसपर विश्वास रखता ही है !
ऐसे विषयों में गलत लोगों के संपर्क में आने के कारण अथवा भोंदू लोगों के संपर्क में आने के कारण , आर्थिक नुकसान के साथ साथ अपरीमीत मानसिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है !
मेरे अनेक लेखों में मैंने अदृश्य जगत के बारें में लिखा है !
हर सजीवों की मृत्यु और उसके बाद का , अनाकलनीय मगर अदृश्य जगत का विश्लेषण भी मैंने मेरे अनेक लेखों में किया है !
ब्लैक मैजीक से छूटकारा पाने के लिए दत्त उपासना अथवा नवनाथ उपासना अधिक फायदेमंद होती है !
पिशाच बाधित व्यक्तियों के लिए , ब्लैक मैजीक से पिडित व्यक्तियों के लिए , गुरु दत्तात्रेय के गाणगापुर की वारी और उपासना भी फायदेमंद रहती है !
किसी बाबा बुवा को पैसा देकर फँसने से बेहतर यही होगा की गाणगापुर की वारी करना अथवा किसी जागृत दत्त मंदिर में जाकर दत्त दर्शन और उपासना करना !
नवनाथ ग्रंथ वाचन भी ऐसे विषयों में फायदेमंद रहता है !
देवताओं को मंदिर में जाकर श्रीफल अर्पण करने से भी अनेक जटिल समस्याओं का निराकरण होता है !
अखंड ईश्वरी चिंतन और गुरूमंत्र का निरंतर जाप यह तो सभी समस्याओं के लिए , अमृतसंजीवनी तथा रामबाण का काम करता है !
कुलदेवता उपासना अथवा रामकृष्णहरी मंत्रजाप भी अनेक जटिल समस्याओं के लिए , हमेशा उपयोगी होता है !
इसी लेख में बस इतना ही !
कभी मौका मिलेगा तो और विस्तार से लेखन किसी दूसरे लेखों में !
तबतक के लिए
रामकृष्णहरी !
स्वस्थ रहिए
मस्त रहिए
।। अवधूत चींतन श्री गुरूदेव दत्त ।।
।। दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा ।।
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*विनोदकुमार महाजन*