नियती का चक्रव्यूह ??
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नियती ने मुझे ऐसे भयंकर चक्रव्यूह में जकडकर रखा था , शायद उससे बाहर निकलना ही असंभव था !
मगर मेरे सद्गुरु आण्णा की परम कृपा से ऐसे भयंकर और विनाशकारी चक्रव्यूह से , ईश्वरी कार्य के लिए मैं बाहर आ गया हूं !
शायद सत्य और सभी सत्यवादीयों को नियती ने ऐसे ही जकडकर रखा है ?
इसीलिए सत्यवादी और सत्य तडप रहा है ?
इसिलिए तो अनेक महात्माओं को भी ऐसे ही नियती ने जकडकर रखा था ? शायद इसीलिए ही ऐसे महापुरुष अपने अंतिम मकसद और यश तक नहीं पहुंच सके ?
( कलियुग में सत्य तो तडपेगा ही ना ? कलियुग का उल्टा न्याय ! )
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन