जीना इसी का नाम है !!!
✍️ २४४७
विनोदकुमार महाजन
—————————-
बचपन का जीवन ?
खुशी ही खुशी चारों ओर !
गम कभी लगता नही था !
उसके बाद ? युवाअवस्था में ?
कभी खुशी कभी गम !
और ढलती उमर में ?
गम ही गम ! चारों ओर !
ढूंडकर भी खुशी का
ठीकाना और अतापता
नहीं मिलेगा !!
जीना इसी का नाम है !!
फिर भी हरपल यह जीवन
का गाना
गुनगुनाते रहना है !
चाहे खुशी हो या गम…
कभी भी उदास नही
रहना है !!
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
आप सभी के जीवन में भी
खुशियों की बहार आये !
हरपल हँसते खेलते
नाचते गाते सारा जीवन
आनंद से मनाएं !
गम का पल कभी भी
आप सभी को ना सताएं !!
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
जय राधेकृष्णा !!