Thu. Oct 17th, 2024
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राष्ट्रप्रेमीयों,षड्यंत्रों से सावधान रहिए !!!
✍️ २२४१

विनोदकुमार महाजन

¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿

साथीयों,
मैंने इससे पहले कुछ लेखों में बारबार यह लिखा था की,
२०२४ तक राष्ट्रद्रोहीयों द्वारा अनेक षड्यंत्र किए जायेंगे ! और उसमें राष्ट्रप्रेमीयों को फँसाने की कोशीश की जायेगी !

मेरे लेख में मैंने एक वाक्य लिखा था,
” हर शाखपर उल्लू बैठा है,हमें उल्लू बनाने के लिए ! ”
उत्तर प्रदेश की ताजा घटना इसका प्रमाण है !

इसके साथ मैंने यह भी लिखा था की,
” हर कदम हमें फूंकफूंककर चलना है ! अखंड सावधान रहकर, शक्तिशाली, तगडी रणनीती बनाकर,सभी चक्रव्यूहों का भेदन करके,हैवानियत को हराना है ! ”

मैं मेरे लेख हमेशा सांकेतिक भाषाओं में ही इसीलिए लिखता हूं की,मेरे खिलाफ कोई षड्यंत्र ना करें !
” साँप भी मरें ,और लाठी भी ना टूटे ! ” ऐसी तगडी रणनीति बनाकर ही हमें आगे बढना होगा !

हम सभी राष्ट्रप्रेमी बिल्कुल सौ प्रतिशत सुरक्षीत भी रहे , और
” राष्ट्रद्रोहियों का ,संपूर्ण बिमोड भी हो ! ”
ऐसी अभेद्य रणनीति बनानी पडेगी !
अगर हमें चौतरफा केवल जीत ही हासिल करनी है तो,
” हर कदम हमें कृष्ण निती,कौटिल्य निती के अनुसार ही ” हर कदम आगे बढाना होगा !

” समुद्र मंथन का यह समय चल रहा है ! ”
इससे निकलनेवाला अमृत
” राक्षसों के हाथों में नहीं जाने देना है ! ”

समुद्र मंथन में ” राक्षसों की ” हार तो होगी ही ! मगर रणकंदन भी भयावह होगा !
क्योंकि ” सूर – असुरों ” के लिए, यह आखिरी और अंतिम रणकंदन है !
इसी विजयपर संपूर्ण वैश्विक राजनीति तथा भविष्यकालीन अनेक रणनितीयाँ बनानी तय है !

” इसीलिए किसी भी हालत में …” हमें २४ ” जीतना ही है ! ”
” जीतना ही पडेगा ! ”
यशस्वी और तगडी रणनितीयों द्वारा ???????

“¿¿¿¿¿¿¿¿¿¿ ”

उल्टा सवाल ?
उल्टा जवाब ??

( नहीं समझेंगे ! बुध्दीचातुर्य और बुध्दी का वरदान चाहिए इसके लिए ! )

कल की उत्तर प्रदेश की घटना बिल्कुल उल्टी, सर चकराने वाली,अघटित ही हो गई ना ?

सभी देशवासियों को क्या लग रहा था ?
बिल्कुल उल्टा ही सोच रहे थे ना ?
मगर वास्तव में कितनी ” उल्टी खोपड़ी और उल्टी चाल “…
निकली ” उनकी ? ”
” फँसाने की ? ”

यह चक्रव्यूह था !
ऐसे भी अनेक चक्रव्यूह बनाये जायेंगे !
” चक्रव्यूह भेदन ” करना पडेगा !
” यश खिंचकर ” लाना पडेगा !

यह अत्यंत गर्भित अर्थ का लेख है ! समझने वाले ही समझ सकेंगे !

सोशल मीडिया पर, इसी विषय पर उल्टी ( ¿ ) चर्चा चल रही थी ! तभी मैंने सभी को सचेत किया था…
” यह फँसाने का भयंकर षड्यंत्र रचाया गया है ! ”

समझो,जानो,जागो !
सभी षड्यंत्रों का भेदन करके, केवल और केवल यशस्वीता ही हासिल करनी है तो…?

हर एक को ” भगवान श्रीकृष्ण ”
बनना ही पडेगा !
उसकी रणनितीयों पर ही चलना होगा !
केवल और केवल
” वहीं रणनीति !!! ”
” हमें ….हम सभी को….! ”
यशस्वीता की ओर ले जा सकती है !

समझने वाले समझ गये !
ना समझे वो अनाडी है ?
( ¿¿¿ )
सावधान !
अखंड सावधान !!

हितशत्रु भयंकर शातिर दिमाग का है !
साजिशें भयंकर गहरी है !!
गहरे पाणी में उतरकर ही जीतना होगा !!!
पग पग पर हितशत्रुओं का जाल है !
२४ तक जाल,साजिश, षड्यंत्र बढता जायेगा !
इसका भेदन करके ही आगे निकलना है !

और ? यशस्वी भी होना है !
” अंतिम मकसद तक भी ”
पहुंचना है !
अगर इरादे है हमारे बुलंद,
तो सारी दुनिया में, हमें कौन रोक सकेगा ?

हर हर महादेव !
जय श्रीराम !
हरी ओम् !

सभी को प्रणाम !!

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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