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जलबिन मछली, धनबिन आदमी !!

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जलबिन मछली, धनबिन आदमी ?
✍️ २२२५

विनोदकुमार महाजन

🦈🦈🦈🦈🦈🦈🦈

क्या जलबिन मछली जींदा रह सकती है ?
हरगीज नही !
जींदा रहने के लिए, हर मछली को जल तो चाहिए ही चाहिए !
जल नही मिलेगा तो, मछली तडपकर मर जायेगी !

इसी प्रकार से,
क्या आदमी भी धनबिन जींदा रह सकता है ?
जी बिल्कुल !
जींदा रह सकता है !

मगर आज का माहौल देखेंगे तो क्या सचमुच में, आदमी धनबिन जींदा रह भी सकता है ?
नही रह सकता !

कैसे ?

जीवन जिने के लिए, हर पल, धन की केवल जरूरत ही नही होती है,बल्कि अत्यावश्यकता भी होती है !

हरदिन की रोजी रोटी चलाने के लिए, राशनपाणी लाने के लिए तो ,धन चाहिए ही चाहिए !
बिना राशनपाणी के आदमी जींदा कैसे रह सकता है ?

भयंकर बिमारीयो से त्रस्त है तो ?
अस्पताल जाने के लिए, धन चाहिए ही चाहिए !
अगर बिमारियों मैं उसे योग्य समय पर दवापाणी नहीं मिलेगा तो ? वह तडपकर मर ही जायेगा ना ?

ईश्वर ने हर मछली का जन्म ही पाणी में किया है !
मगर क्या हर इंन्सान पैदा होते ही धन प्राप्त करके ही पैदा होता है ?

बिल्कुल नहीं !

अगर माँ बाप ने बच्चों के सुखी जीवन के लिए, धन कमाके रखा है… तो ही बचपन मुसिबतों के बिना आराम से कट सकता है !
इसिलिए,हर माँ बाप अपने बच्चों के सुखी जीवन के लिए, तथा उज्वल भविष्य के लिए, बहुमात्रा में धन इकठ्ठा करके रखते है !
उसकी पढाई,नौकरी – धंदा इसका नियोजन भी करके रखते है !
जीवन में अपने बच्चों के जीवन में कोई कमियां न रहे ,ऐसी योजनाएं हर माँ बाप बनाके ही रखता है !

इसिलिये जीवन में माँ बाप के छत्रछाया बहुत जरूरी होती है !और महत्वपूर्ण भी होती है ! आर्थिक स्थैर्य से लेकर, उन सभी बच्चों को,तहहयात मानसिक आधार भी माँ बाप देते रहते है ! अगर कोई बच्चा मुसिबतों में फँसा हुवा है तो ? उसे मुसिबतों से बाहर निकालने की जी जान से कोशिश करते है !
लगातार ! अथक !

चिडियाँ कौवे भी अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने का प्रयास करते रहते है !
उनको बडे प्रेम से दानापाणी भी खिलाते रहती है !
उनका बच्चा कोई मुसिबतों में फँसा है तो ? बच्चों के लिए, तडपते रहते है !बच्चों का दुखदर्द देखकर, अंदर ही अंदर घुटन सी महसूस करते है !

यह अजीब रीश्ता खुद ईश्वर ने ही बनाया है !

मगर किसी माँ बाप के पास धन का अभाव है तो..भी..?
मुसिबतों के समय में कम से कम मानसिक आधार देकर, उसका जीवन सँवारने के लिए भरसक प्रयास करते रहते है !

मगर किसीको जन्म से ही माँ बाप का छत्र नहीं मिला है, तो ?
उसे अनाथ कहते है !
और उस अनाथों का आधार ?
केवल ईश्वर ही रखवाला !

अनेक प्रकार की चिंता, विवंचनाओं से जिसका बचपन गुजरता है,
उनके मनोमस्तिष्क पर,आजीवन – संपूर्ण जीवन भर के लिए , गहरी चोट सी महसूस होने लगती है !

मनुष्य जन्म में, धन सर्वस्व नहीं है ! फिर भी धन का प्रभाव और अभाव, दोनों प्रकारों से मानवप्राणी,सुखी अथवा दुखी हो सकता है !
जलबिन मछली रह तो नहीं सकती !
मगर धनबिन आदमी, रहना संभव भी है तो भी…
धन के अभाव से, अनेक प्रकार की भयंकर मुसिबतों का सामना, उस संबंधित व्यक्तियों को करना ही पडता है !

मछली जैसे ,जलबिन तडपती रहती है , उसी प्रकार से ,धनबिन मानव प्राणी का जीवन भी तो आधा अधुरा ही होता है !

मगर वह धन भी संन्मार्ग का ही होना चाहिए !
और धनप्राप्ति प्रारब्ध गती के अनुसार अथवा माता महालक्ष्मी की कृपा से अथवा ईश्वरी कृपा से ही होती है !

आखिर धारणा अपनी अपनी !

( मेरे संपर्क में जो निरंंतर रहने का प्रयास करेगा, उसे धनप्राप्ति का ,यशप्राप्ति का और संपूर्ण सुखी जीवन का रहस्य जरूर बताने का प्रयास करूंगा ! आखिर नशीब अपना अपना ! )

किसी के जीवन में, कोई अभाव ना हो, मुसीबत ना हो,अथवा उसका संपूर्ण जीवन, अभावमुक्त,सुखी – संपन्न हो…
ऐसी दयालु और परमकृपालु ईश्वर चरणों में विनम्र प्रार्थना !!

हरी ओम् !
जय माता महालक्ष्मी की !
लक्ष्मी नारायण की जयजयकार हो !!

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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