मस्त जीयेंगे, स्वस्थ जीयेंगे !
✍️ २१६४
विनोदकुमार महाजन
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पशुपक्षीयों की तरह
मस्त,स्वस्थ,स्वच्छंद,
आनंदी,कलंंदर,उत्साही, नैसर्गिक जीवन ही…
असली जीवन होता है !
ईश्वरीय आनंददायी जीवन !
और हम सब मिलकर
अब ऐसा ही आनंदी जीवन
जीयेंगे !
खूब जीयेंगे, मस्त कलंंदर
बनकर जीयेंगे !
खुद सुखी रहेंगे,
दूसरों को भी सुखी बनायेंगे !
हँसी खुशी से सारा जीवन,
हर्षोल्लास से जीयेंगे !
सामाजिक समरसता पाकर
जय जय श्रीराम का नारा
लगाकर, रामराज्य लायेंगे !
हर हर महादेव के जयकारे से
आसमान में बडे शान से
भगवान का भगवा ध्वज
लहरायेंगे !
हिंदुराष्ट्र बनायेंगे !
हिंदुराष्ट्र बनाकर ही रहेंगे !!!
वादा रहा !
भारत को भी विश्व गुरू बनाकर ही रहेंगे !
उच्च सनातन हिंदु संस्कृति को
विश्व के कोने कोने में
पहुंचायेंगे !
कैसे ?
समाज जागृती जनआंदोलन तीव्र बनायेंगे !
विश्व अभियान भी चलायेंगे !
चलो उठो तेजस्वी ईश्वर पुत्रों
हम सब मिलकर एक…
नया युग बनाते है !
कामयाब भी होते है !
माँ भारती के हर संतानों को, अब हम सब मिलकर,
खुशहाल – संपन्न – सुसंस्कृत भी बनायेंगे !
धरती का भी स्वर्ग बनायेंगे !
हर एक का मन जगाएंगे !
सपना हकीकत में लायेंगे !
कठोर परीश्रम द्वारा धरती पर ईश्वरी राज्य लायेंगे !
विनोदकुमार महाजन