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ठंडे दिमाग से चलना है

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*ठंडे दिमाग की यशस्वी व्यूहरचना*

देशविदेश के बडे बडे जहरीले अदृष्य साँपों ने ,भयानक षड्यंत्र कारीयों ने,देशप्रेमीयों को,सत्यप्रेमीयों को,ईश्वर प्रेमीयों को,जकड़ के रखा है,घेर के रखा है।
भयंकर चक्रव्यूह है ये।
भयंकर कुटिल अदृष्य मायाजाल।
ईश्वरी और आसुरिक शक्तियों का घनघोर अदृष्य धर्म युध्द है ये।
यह भयंकर चक्रव्यूह भेदन बडे ठंडे दिमाग से करना है और सहीसलामत बाहर निकलकर सत्य,ईश्वरी सिध्दांतों की जीत हमें करनी ही है।

एक तरफ भयंकर क्रूर तथा शातिर दिमाग के हत्यारे हैवान है तो दुसरी तरफ दयालु ईश्वर प्रेमी है।

लगे रहो भाईयों।डटकर मुकाबला करो हैवानों का और सत्य की अंतिम जीत तथा हैवानों का सदा के लिए सर्वनाश करने के लिए शक्तिशाली तथा कार्यप्रवण बनकर एक एक कदम आगे बढना है।

ईश्वर हमारे साथ है इसिलिए जीत भी हमारी ही है।और पक्की भी है।
और हाहाकारी हैवानों की हार भी पक्की है।

बस्स…हिम्मत ना हारना।
और जरा सी,थोडी सी,छोटी सी गलती भी नही करनी है।क्योंकि छोटीसी गलती से हैवानों की शक्ति बडे विचित्र तरीकों से बढती है।

इसिलए यह अदृष्य जहरीले साँप,अजगर निष्क्रिय बनाने के लिए जबरदस्त, तगडी रणनीति बनानी होगी।जबरदस्त व्यूहरचना बनाकर भयंकर जहरीले, उन्मादी विनाशकारी साँपों का सर्वनाश करना होगा।
हमारे सर्वनाश पर तुले होनेवालों को आसमान दिखाना होगा।

तैय्यार…???

साँप भी मरें लाठी ना टुटे यह सिध्दांत अपनाना होगा।कृष्ण निती से एक एक जहरीले फुत्कारी कालीया का,कालयवन का,दुर्योधनी सेना का मर्दन करना ही होगा।

जी हाँ,करना ही होगा।
और हम तेजस्वी ईश्वर पूत्र यह कार्य सफल करके ही रहेंगे।

डन…???
वादा रहा…???

कभी दृष्य रूप से तो कभी अदृष्य होकर, उन्मादियों पर प्रहार करना होगा।

और संपूर्ण देश में तथा वैश्विक स्तर पर सभी ईश्वर प्रेमीयों को इकठ्ठा करके,
शक्तिशाली बनकर, शक्तिशाली योजना द्वारा,
*पैशाचिक धर्म* का…
सदा के लिए…
संपूर्ण उच्चाटन…
करना ही होगा।

समझे कुछ ?
या अभी भी अनाडी ही हो ?

समझने वाले समझ गये,ना समझे वो अनाडी है।

लगे रहो मुन्नाभाई।
हरी ओम्

*विनोदकुमार महाजन*

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