Sat. Jul 27th, 2024

हिंदुत्व रक्षा के लिए, कट्टर बनो !!!

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हिंदुत्व के लिए कट्टर बनो !
( लेखांक : – २११३ )

विनोदकुमार महाजन
——————————
साथीयों,
हर धर्मीय व्यक्ति अपने धर्म के लिए कट्टर होता है !
उनके धर्म के खिलाफ कोई बोलेगा,तो वह तुरंत एक्शन में आ जाते है !
अनेक बार भयंकर हिंसक भी बन जाते है !
क्या आपको यह बात मंजूर है ?

तो क्या, हर हिंदू, अपने धर्म के प्रती कट्टर होता है ?
अपने धर्म पर कोई उंगली उठाता है, हमारे धर्म को बदनाम करता है,हमारे देवीदेवताओं का मजाक उडाता है !
क्या ऐसा होनेपर तुम सभी का खून खौल उठता है ?
हमारे संस्कृति को बदनाम करनेवाले के खिलाफ क्या तुम,दूसरे धर्मीयों की तरह सख्त एक्शन में आ जाते हो ?

शायद ना के बराबर !
सदीयों से इतना भयंकर अत्याचार सहने के बावजूद भी, तुम्हारा खून ठंडा क्यों और कैसे पड गया ?
क्या तुम्हारे अंदर खून ही नहीं है ?

बात कडवी है,मगर सच्ची है !
और आपको मेरी यह बात स्विकारनी ही होगी !

हमारे देवीदेवताओं को,आदर्शों को चाहे कोई कितना भी बूरा कहेंगे…
तो भी हम मौन,शांत और ठंडे !
कमाल है !

सभी के प्रती सहिष्णु जरूर रहना चाहिए ! यही हमारी आदर्श संस्कृति है !यही हमारे आदर्श सिध्दांत भी है !
यही हमारे संस्कार भी है !
इसीलिए हमारी संस्कृति विश्व में महान है !

मगर, सहिष्णु होनेपर भी,अन्याय के प्रती कट्टर तो रहना ही चाहिए !

।। अहिंसा परमो धर्म: ।।
यह हम सभी को बताते, सिखाते है !
मगर भगवान श्रीकृष्ण ने भगवत् गीता में बताई हुई एक अती महत्वपूर्ण बात…
।। धर्म हिंसा तथैवच् ।।
यह महत्वपूर्ण बात हम सभी को क्यों नहीं बताते है ? हम भी क्यों नहीं स्विकारते है ?
या फिर यह महत्वपूर्ण बात ही हम क्यों भूल गये है ?

क्योंकि हम ईश्वर को और ईश्वरी सिध्दांतों को केवल अपने निजी स्वार्थ के नजरों से ही देखते है !
समाज हित गया भाड में !
ऐसी हमारी गंदी सोच,और गंदी आदत ही हमें बरबादी की ओर ले जा रही है !

संपूर्ण विश्व में, एक भी हिंदुराष्ट्र नहीं है, इसकी ना हमें खंत है,और ना ही इसके बारे में हमें कोई लेना देना है !और ना ही कोई चिंता है !और ना ही कोई गम है !ना कोई मन में हिंदुराष्ट्र बनाने का संकल्प है !

आखिर क्यों ?
सब मरी हुई आत्माएं !
ऐसी मरी हुई आत्माओं को कोई नवसंजीवनी देकर,चैतन्य डालकर, जींदा करने की कोई कोशिश करेगा,
तो उस कोशिश करनेवाले बेचारे को ही यह भला – बूरा कहेंगे, उसको ही रूलायेंगे,उसको ही पीडा – तकलीफ – दुखदर्द देंगे !
सही है ना ?

कमाल के लोग रहते है यार इस देश में !
सचमुच में कमाल के ही लोग रहते है !

जो जगाने की कोशिश करेगा, उसी को ही अनेक मुसीबतों में फँसाकर, समाप्त कर देने की लगातार कोशिश जारी रहेगी !
अथवा उसके खिलाफ ही भयंकर षड्यंत्र करेंगे !

नाम के भाई भाई !
और भाईचारा ?
दूसरों के लिए ! ( ??? )
बरबाद करनेवालों के लिए भाईचारा !

कमाल है !
यह जालीम, भयंकर जालीम जहर,खुद मैंने भी अनेक सालों तक हजम किया है !
दुर्दैव !

हमारा भाई,
अनेक मुसीबतों को पार करके,
हमारे लिए,
हमारे आदर्शों के लिए,
हमारे सिध्दांतों के लिए,
हमारे भलाई के लिए,
दिनरात मेहनत कर रहा है,
अनेक भयंकर जहर हजम करके,हमें आगे ले जाने की कोशिश कर रहा है,
हमारे उत्धान के लिए, जी – जान से मेहनत कर रहा है,
तो …?
उसकी शक्ति बढाने के बजाए, उसको सभी क्षेत्रों में ताकतवर बनाने के बजाए, उसकी हिम्मत – हौसला बढाने के बजाए,उसको मानसिक आधार देने के बजाए,
उसकी ही टांग अडाकर उसे गिराने का,उसे समाप्त करने का,उसे हतोत्साहित करने का,
उसे हर पल अपमानित करने का…
मौका मिलने का ही हमारे…
भाई प्रयास करेंगे !
या मौके की तलाश में दिनरात रहेंगे !
समाज कार्य के लिए,अथवा सभी का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए,
किसीने” चार पैसा ” जादा भी लिया अथवा चार पैसा जमा भी किया
तो…?
तौबा… तौबा…
हाथ धोकर उसके पिछे पडेंगे !
उसे भयंकर बदनाम भी करेंगे !
और नरकयातना भी देंगे !
हमारे ही भाई उसे समाप्त करने के लिए, अथक प्रयास जारी रखेंगे !
उसे धाराशायी होते देखकर, मन ही मन संतुष्ट भी होंगे !

राजा शिवछत्रपती को,
हिंदवी स्वराज्य निर्माण के लिए,
कितने हमारे ही साथीयों ने,भाईयों ने संपूर्ण सहयोग किया ?
यह कब बदलेगा ,साथियों ?
कब बदलेगा ?
कबतक ऐसा ही चलता रहेगा ?
ऐसी भयंकर बिमारी… जो हमारे लिए… एक शाप सी बन गई है…वह कब समाप्त होगी ?

भयंकर धर्म संकट खडा है !
” अंदर बाहर ” के शत्रु धर्म समाप्ति का भयंकर शातिर दिमाग का षड्यंत्र बना रहे है !

अरे,
धर्म रक्षा और संवर्धन – संरक्षण के लिए, खुद कुछ करों ना करों…जो निरंतर प्रयास कर रहा है,उसे तो मत गिराओ !

इसिलिए हमारे धर्म की भयंकर हानी हुई है,क्षती हुई है !
इसी भयंकर विनाषकारी वृत्ति के कारण ही…
हमारा, हमारे लिए, एक भी हिंदुराष्ट्र नही है !
और इसमें हमें शरम भी नहीं आती है !
बहुसंख्यक होकर भी,
यहाँ के राजा होकर भी,
हम भयंकर हीन – दीन – लाचार जीवन जी रहे है !
इसीलिए हमारे देवीदेवताओं को कोई बूरा कहता भी है…तो भी हमारा खून खौलना तो दूर..हमें इसके बारे में कुछ लेना देना ही नहीं है !

पूरा का पूरा आत्मतेज समाप्त !
पूरा का पूरा स्वाभिमान समाप्त !
हमारा स्वाभीमान…?
विदेशी …?
आक्रमणकारियों के…?
चरणों में…?
समर्पित !

धन्य हो जनहो,धन्य हो !

यही मौका है साथीयों !
धर्म जागरण अभियान में बढचढकर सहभाग लो !
खुद जागो !
दूसरे दस – बीस को जगाओ !

तुम कब…दस साल के,बीस साल के, चालीस, पचास, साठ…साल के बनोगे ?
पता भी नहीं चलेगा !
और जीवन व्यर्थ ही हाथ से फिसल जायेगा !
प्रभु का कार्य किये बिना जीवन व्यर्थ जायेगा !

यह अनमोल जीवन व्यर्थ ना गंवाओं साथीयों !
धर्म के लिए, ईश्वर के लिए
कुछ कर दिखाने का यही वर्तमान समय आप के,आप सभी के हाथों में है !

जागो साथीयों, जागो !
अधर्म का अंधीयारा मिटाने के लिए जागो !
धर्म का दैदीप्यमान उजाला करने के लिए जागो !
जागो साथियों, जागो !
हिंदुत्व रक्षा के लिए,
कट्टर बनो !
कट्टर बनेंगे तभी बचेंगे !

हर हर महादेव !

हरी ओम्
🙏🕉🚩✅

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