हिंदुराष्ट्र कैसे बनेंगे ?
( ले : – २११२ )
विनोदकुमार महाजन
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संपूर्ण विश्व पर सत्य सनातन धर्म का ही,ईश्वरी राज्य था !
हिंदुओं का ही राज्य था !
क्या आपको यह मंजूर है ?
जी हाँ !
सप्रमाण मंजूर है !
तो सोचो,संपूर्ण विश्व पर हिंदुओं का ही राज्य था ना ?
तो ऐसा क्या हो गया की,
विश्व में अनेक ख्रिश्चन देश बन गये,बौध्द देश भी बन गये,मुस्लिम देश भी बन गये !
यहुदियों का छोटासा इस्त्राएल भी बन गया !
ऐसी कौनसी जादू हो गई की,उन सभी धर्मीयों ने अपने अपने अनेक देश बनाये ?
उत्तर आसान है !
उन सभी ने जीत के लिए एक जबरदस्त रणनीति बनाई ! और अनेक सालों तक उसपर काम किया !
परिणाम ?
उनके धर्म के आधार पर अनेक देश बन गये !
मंजूर ?
अब देखो मजे की बात !
मगर हिंदुराष्ट्र एक भी नहीं रहा !
क्यों ?
क्योंकि समय के अनुसार एक जबरदस्त तगडी रणनीति बनाने में और उसे कार्यान्वित करने में हम असफल रहे !
तेजस्वी ईश्वर पूत्र होकर भी !
क्यों ?
क्योंकि हम हमारा ईश्वरी तेज ही भूल गये !
और इतने कमजोर, हीन,दीन,लाचार, कंगाल हो गये की,हमारा एखाद देश बनना भी दूर,हम तो दिनबदिन अस्तीत्व शून्य भी बनते जा रहे है !
इतने कमजोर हम कैसे और क्यों हो गये ?
क्योंकि हमने हमारे ही आदर्श ईश्वरी सिध्दांत छोड दिये !
उसी आदर्श सिध्दांतों पर चलना हमने छोड दिया !
और बाकी ?
अपने सिध्दांतों पर सदीयों से सदीयों तक अटल रहे !
इसीलिए वह जीतते गये !
हम हारते गये !
मगर अब ऐसा नहीं होगा !
पाकिस्तान जैसे अनेक देश मुस्लिम राष्ट्र कब और कैसे बनें ? किसी को समझ में भी नहीं आया !
इतनी शातीर दिमाग की कुटिल निती अपनाई गई !
अनेक सालों तक देश का विभाजन होता गया !
अखंड भारत खंड खंड हो गया !
अब इसी प्रकार से,बिल्कुल ठंडे दिमाग से,ईश्वरी सिध्दांतों की अंतीम जीत के लिए,हमें एक शक्तिशाली, जबरदस्त, पक्के जीत की,और तुरंत जीत की,ईश्वरी सिध्दांतों पर आधारित, एक रणनीती बनानी पडेगी !
जो केवल जीत ही दिलायेगी !
इसी प्रकार से भारत हिंदुराष्ट्र कब बना, किसी को पता भी नहीं चलेगा !
जैसे 370 हटा,ठीक इसी तरह !
भारत जरूर फिरसे हिंदुराष्ट्र भी बनेगा !
अखंड भारत भी बनेगा !
मगर कैसे बनेगा ?
कौन बनायेगा ?
किसी के कानों तक खबर भी नहीं लगेगी ,और काम यशस्वी हो जायेगा !
अकस्मात एक वार्ता आयेगी,
भारत हिंदुराष्ट्र बन गया !
इसी क्षण का ही इंतजार है ना सभी को ?
अखंड भारत भी बन गया !
सोने की चिडिय़ा वाला,सुसंपन्न,समृध्द,सुसंस्कृत भारत,
मानवतावादी भारत,
मानवताप्रेमी भारत,
फिरसे बनेगा !
बनकर ही रहेगा !
यही तमन्ना लेकर हम सभी जी रहे है ना ?
मगर,
इसके लिए हम सभी को,एक शक्तिशाली रणनीति के तहत…दिनरात काम करना पडेगा !
ईश्वर, नियती भी जब ठान लेती है …
पर्दे के पिछे से जब अदृश्य योजनाएं बनाती है…
तब….
नामुमकिन कुछ भी नहीं रहता है !
सब मुमकिन में ही बदल जाता है !
और उसी पथ पर चलने वालों की हर पल,पग पग पर सहायता खुद ईश्वर और नियती ही कर देती है !
इसीलिए मैं हमेशा यही लिखता आया हुं की,
” यूगपरिवर्तन का समय ! ”
आरंभ हो चुका है !
हम सभी …
तेजस्वी ईश्वर पूत्र इतने शक्तिशाली है,जो भविष्य का वेध ले सकते है…
तो सोचो…
ईश्वर कितना शक्तिशाली होगा ?
ऐसा सब कब होगा ? कैसे होगा ?
इसके लिए बस थोडासा समय का इंतजार तो करना ही पडेगा !
मगर एक बात पक्की ठान लो की…
यूगपरिवर्तन होकर ही रहेगा !
हिंदुराष्ट्र बनकर ही रहेगा !
अखंड भारत बनकर ही रहेगा !
हिंदुमय विश्व भी…
बनकर ही रहेगा !
” विश्व – स्वधर्म – सुर्ये – पाहो ! ”
यह कृष्ण अवतारी संत ज्ञानेश्वर की बाणी कभी भी खाली नहीं जायेगी !
और ना ही खाली जा सकती है !
क्योंकि…
विश्व – विजेता – हिंदू – धर्म
था,है और रहेगा !
यूगों यूगों से !
यूगों यूगों तक !
धर्म हानि और क्षती तो काल का महीमा मंडन होता है !
मगर अब काल भी…करवट बदलेगा !
क्योंकि हम सब,
कालों के काल महाँकाल के देश में रहते है !
और उसी महाँकाल के तेजस्वी भक्त भी है !
और इसीलिए हमारे लिए नामुमकिन कुछ भी नहीं है !
जिसको महाँकाल का वरदान प्राप्त है,महादेव उसके साथ है !
उसके दैदीप्यमान ईश्वरी तेज को और तेजोवलय को कौन रोक सकेगा ?
तो हमें कौन रोक सकेगा ?
बोलो ?
अनेक विपदाओं के बावजूद भी
हम जीतकर ही रहेंगे !
जय महाँकाल !
हर हर महादेव !
हरी ओम्
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