सनातन धर्म को विनावजह गाली देनेवालों का…समय ही सर्वनाश कर देगा !!!
( लेखांक : – २०५२ )
विनोदकुमार महाजन
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सत्य,
हमेशा सुर्यप्रकाश जैसा स्वच्छ, सुंदर,पारदर्शी होता है !
और सत्य सनातन धर्म भी सुंदर और पारदर्शी ही है !
इसीलिए हजारों सालों तक संपूर्ण धरती पर केवल और केवल सनातन धर्म का ही राज्य था !
और बडे आत्मविश्वास के साथ मैं यह कहता हुं की,
संपूर्ण धरती पर फिरसे केवल और केवल सनातन धर्म का ही राज्य भविष्य में जरूर आयेगा !
क्योंकि सत्य कभी भी मरता नही है !
सत्य को अगर जमीन में भी दफनाया गया तो भी एक दिन वह सत्य बाहर आकर ही रहता है !
जैसे की आज संपूर्ण विश्व में,खुदाई में केवल और केवल सनातन धर्म के ही सबुत मिल रहे है !
मगर फिर भी,सनातन धर्म को गाली देना यह आजका,कुछ लोगों का एक फैशन ही बन गया है !विशेषत : हमारे ही कुछ लोग इसमें सहभागी होते है,यह दुर्दैव है !
इसिलिए आज मैं सत्य सनातन धर्म का सटीक विष्लेषण कर रहा हुं ! और मुझे आशा है की,मेरा यह लेख विस्तार से पढने के बाद सनातन धर्म को गाली देने के बजाए,हर एक व्यक्ती सनातन के प्रती आदर ही करेगा !
सर्वप्रथम यह देखते है की,
सनातन धर्म आखिर है क्या ?
यह एक ईश्वर निर्मित आदर्श सिध्दांतों पर आधारित, एक सर्वश्रेष्ठ जीवनपध्दती है ! जो सर्वसमावेशक, सर्वहितोपकारी है !
और इसके विस्तार से मनोवैज्ञानिक विष्लेषण द्वारा,सत्य की,ईश्वराधिष्ठीत समाज रचना की,संपूर्ण सजीवों के कल्याण की तथा संपूर्ण चराचर तथा संपूर्ण ब्रम्हांड का सटीक, न्यायपूर्ण विवेचन, विष्लेषण किया गया है।
सनातन धर्म के बारे में अनेक धर्म ग्रंथों द्वारा सप्रमाण सिध्द भी किया हुवा है !
इसिलिए वैदिक सनातन धर्म मतलब पूर्णत्व… यह सप्रमाण सिध्द होता है !
सभी का कल्याण तथा समस्त मानवसमुह का अखंड कल्याण ही ऐसे उच्च सिध्दांतों में अभिप्रेत है !
इसिलिए सनातन धर्म व्यापक हितकारी ही है और सभी के कल्याण के लिए, यह एक आदर्श जीवनपध्दती भी है !
मगर कुछ अपरिपक्व अथवा कुछ अज्ञान लोगों ने आज तक सनातन का अपप्रचार किया है !
सनातन धर्म को और सनातन धर्मावलंबियों को गाली दी है,जो सरासर गलत है !
अथवा बदनामी की निती जानबुझकर अपनाई गई है,क्योंकी बदनामी करके,धर्म के मूल सिध्दातों पर प्रहार करके,आदर्श जीवन पध्दती पर ही प्रहार किया जाए !
और अज्ञान लोगों का बुध्दीभेद करके,जानबुझकर सनातन के प्रती संभ्रम की स्थिती पैदा होकर, ईश्वर निर्मित सनातन धर्म खंडित हो सके !
और इसका फायदा दूसरे धर्मों को वृध्दी के लिए किया जा सके !
आज जो सनातन धर्म के प्रती विपर्यास्त संदेश समाज में फैलाया जा रहा है,वह संदेश ही गलत है !
जनेऊ पहननेवाले,चोटी रखनेवाले,पूजापाठ करके छूत अछूत का,भेदभाव पूरक समाज निर्माण के लिए प्रोत्साहित करनेवाले अथवा कर्मकांड करनेवाले मतलब सनातन धर्म…
इतना ही सिमीत और मर्यादित अर्थ सनातन के बारे में फैलाया गया है और आज भी जानबुझकर फैलाया जा रहा है !
अथवा केवल ब्राम्हणत्व ही संपूर्ण सनातन धर्म है यह भी गलत धारणा और संदेश समाज में जानबुझकर फैलाये जा रहे है !
विविध मार्गों से सत्य को बदनाम करने की निती जब बारबार अपनाई जाती है,और एक झूट समाज में बारबार फैलाया जाता है तो….?
समाज और समाज मन को भी असत्य ही अंतीम सत्य लगने लगता है ! और बिल्कुल यही निती सनातन के मूल सिध्दातों को बदनाम करने के लिए बारबार अपनाई गई !
और ब्राम्हणत्व पर प्रहार भी इसीलिए जानबुझकर किया गया की,आज भी बहुसंख्यक ब्राह्मण सत्यशोधक, सत्यावलंबी,सत्याचरणी होते है…और वही अंतिम सत्य अनेक कसौटीया लगाकर ब्राह्मण स्विकारते है…जो ईश्वरी सिध्दातों से निगडित होते है !
और सनातन धर्म को बहुमात्रा में जिवीत रखने का कार्य भी अनेक धर्म ग्रंथों को मुखोद्गत करके,अनेक सालों से,विनासायास किया जा रहा है !
मतलब साफ है,
अधर्मी, कुधर्मी,विधर्मीयों द्वारा यह निती जानबुझकर अपनाई गई की,ब्राम्हणत्व पर ही प्रहार करो !
इससे होगा यह की ब्राह्मण हतोत्साहीत होकर सत्याचरणी़ रास्ता छोडकर, असत्याचरणी बनेगा,अथवा संभ्रमित होगा !और इसके द्वारा अनायासे ही वैदिक सनातन हिंदूधर्म पर ही प्रहार होगा ! और विधर्मीयों का धर्म वृध्दी का षड्यंत्र सफल होगा !
साथ में संभ्रमीत और लालची समाज को पैसों की थैलिया बाँटकर…
सनातन का रिश्ता तोडने में कामयाबी मिल सके और अधर्मियों की धर्म वृध्दी का साधन बन सके !
अथवा तलावर का भय दिखाकर सत्याचरणी समाज को दूसरे धर्मों में जोडने के लिए, सहायता मिल सके !
और मुगल शासक तथा अंग्रेजों द्वारा , यही संभ्रम की निती अपनाकर, उनके धर्म की वृध्दी के लिए अथक तथा आसुरीक प्रयास इस देश में अनेक सालों तक किए गये !
आजादी के बाद हमारे ही कुछ काले अंग्रेजों द्वारा, सत्ता और संपत्ति के लालच में आकर सनातन धर्म को अनेक मार्गों से क्षती पहुंचाने का भरकस प्रयास किया गया !
मगर सत्य तो आखिर सत्य ही होता है !
और सत्य का रखवाला खुद ईश्वर ही होता है !
इसीलिए अनेक आक्रमणकारियों ने भरकस प्रयास करने के बावजूद भी,आज सनातन धर्म एक अभेद्य किले की तरह खडा है ! और आज संपूर्ण विश्व में सनातन धर्म तेजीसे फैल भी रहा है !
कब तक ईश्वराधिष्ठीत समाज को,ईश्वराधिष्ठीत सिध्दांतों को,ईश्वराधिष्ठीत मूल्यों को और अंतिम सत्य को छुपाते रहेंगे… ऐसे लोग ?
जो निरंतर, दिनरात सत्य को सत्य सनातन को ,ईश्वरी सिध्दांतों को बदनाम करते घूम रहे है ?
आखिर सत्य तो सत्य ही होता है !
सत्याचरणी व्यक्तियों को भी दुष्ट लोग कितना भी बदनाम करने का भरकस प्रयास करें,षड्यंत्र करें,विविध अफवाहें फैलाकर सत्य पर ही प्रहार करने का प्रयास करें,आखिर सत्य तो सत्य होता है !
सत्य हारेगा कैसे ?
वह तो येक दिन जीतकर ही रहेगा !
मेरे साथ भी,मेरा सत्याचरण न सहने के कारण,अनेक उपद्रवियों ने, अनेक सालों तक मुझे फँसाने के लिए, मेरे पंख छाटने के लिए, मुझे बदनाम करने के लिए, मेरे हितशत्रुओं द्वारा, गुप्त शत्रुओं द्वारा भरकस प्रयास किये गये !
मगर जिसके साथ अहोरात्र ,चौबीसों घंटे खुद ईश्वर होता है,खुद ईश्वर ही सत्यवादीयों की रक्षा करता है…
तो समाज में फैले हुए,नकली लोगों का,नौटंकी बाजों का असली मुखौटा तो समाज के सामने एक दिन जरूर आकर ही रहेगा ना ?
और ऐसे विघ्न संतोषी लोगों से,व्यक्तियों से,समाज से हर व्यक्ति सचेत एवं सावधान तो रहेगा ही ना ?
जिस प्रकार से सत्यवादीयों को, साधुसंतों को,ईश्वरी सिध्दांतों पर चलनेवालों को,ब्रम्हतेज जाननेवाले और धारण करनेवाले,ब्राह्मण समाज को अहोरात्र बदनाम करने का भयंकर, भयानक षड्यंत्र इस देश में चलाया गया,वह निश्चित ही निंदनीय तो है ही…इसके साथ ही सत्य को और सत्यवादीयों को,सत्य सनातन को बदनाम करनेवालों का भी एक दिन खुद ईश्वर ही पर्दाफाश तो करेगा ही,
ईश्वरी सिध्दांत, सत्य और समय जो की सदैव बलवान होते है…
ऐसे नौटंकी बाजों का…
सत्यवादीयों को,सत्य को विपर्यास्त करके बताने वालों को ईश्वर खुद कठोर दंडित करेगा !
और समय भी उन्हे क्षमा नही करेगा !
बल्कि सत्य को बदनाम करनेवालों की भयंकर दुर्दशा भी कर देगा !
क्योंकि समय किसी को क्षमा नही करता है !
आसुरीक सिध्दांतों का स्विकार करके,ईश्वरी सिध्दांतों पर प्रहार करनेवालों का खुद ईश्वर ही एक दिन जरूर सर्वनाश कर ही देता है !
यह मेरे वैयक्तिक सिध्दांत नही है,
बल्कि सत्य की कसौटी पर आजमाये हुए, ईश्वरी सिध्दांत है !
और आजतक का इतिहास है की,
जिसने भी येनकेन प्रकारेण ईश्वरीय सिध्दांतों को ललकारा है…वह मिट्टी में ही मिल गये है !
चाहे वह रावण हो,कंस,दुर्योधन, हिरण्यकशिपु हो…सभी का सर्वनाश अटल है !
इसीलिए आज जो भी जानबूझकर कर ईश्वरी सिध्दांतों को ,सत्य को , सत्यवादीयों को,सत्य सनातन को ललकार रहे है…उनका सर्वनाश अटल है !
पापीयों के पाप के घडे भरते ही,खुद ईश्वर उन सभी का हिसाब पूरा कर ही देता है !
इसीलिए समय का इंतजार !
हरी ओम्