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प्रश्न और उत्तर : – सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ठ क्यों है ?

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प्रश्न और उत्तर : – सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ठ क्यों है ?
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१ ) अनादी अनंत धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

२ ) सबसे पुराना धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

३ ) स्वयं ईश्वर निर्मित धर्म
कौनसा ?
सनातन धर्म

४ ) धर्म संस्थापक कोई मानव
नही ऐसा धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

५ ) ईश्वरी सिध्दांतों पर
चलनेवाला धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

६ ) मानवतावादी धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

७ ) पशुपक्षीयों पर,पेड जंगलों
प्रेम करने को सिखाने वाला
धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

८ ) सभी हिंदुओं का आदर्शधर्म
कौनसा ?
सनातन धर्म

९ ) आत्मा परमात्मा का भेद
बतानेवाला धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

१० ) आध्यात्म और विज्ञान से
तालमेल रखनेवाला धर्म
कौनसा ?
सनातन धर्म

११ ) पुर्वजन्म पुनर्जन्म की
खोज करनेवाला धर्म
कौनसा ?
सनातन धर्म

१२ ) अनेक गूढ विषयों पर ज्ञान
देनेवाला धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

१३ ) अनेक देवीदेवता,
सिध्दपुरूष,महात्मा,
साधुसंत,ऋषीमुनी,
विचारवंत, समाजसुधारक,
अनेक धर्म ग्रंथ देनेवाला
धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

१४ ) अनेक आदर्श सिध्दांतों को
स्विकरनेवाला धर्म
कौनसा ?
सनातन धर्म

१५ ) सभी धर्मीयों पर प्रेम
करनेवाला धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

१६ ) तलवार की धारपर अथवा
पैसों की थैलीयों पर
धर्म प्रचार नही करनेवाला
धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

१७ ) प्रेम से दुनिया जितने का
संदेश देनेवाला, सहिष्णू
धर्म कौनसा ?
सनातन धर्म

साथीयों,
जरा सोचो तो सही,
इतना जबरदस्त सनातन धर्म होने के बावजूद भी सनातन धर्म को भलाबूरा कहनेवालों को कौनसा शब्द प्रयोग ठीक रहेगा ?
जरा सोचकर बताना तो।

राक्षस ? ब्रम्हराक्षस ? असुर ?
सैतान ? हैवान ? मनोविकृत ?
दुष्ट ? पिशाच ?हाहाकारी ?
उन्मादी ? आक्रमणकारी ?
अर्धवट ज्ञानी ? महामुर्ख ? चेटका ? अज्ञानी ?
या और कोई ?

जो भी महात्मा यह लेख गौर से पढ रहा है,उन्हीको उत्तर देना है।
देना ही है।
और सबसे महत्वपूर्ण बात…
उत्तर देकर शांत और स्वस्थ नही बैठना है।बल्की आदर्श सनातन धर्म का प्रचार – प्रसार करना है।
सत्य लोगों को बताना है।
सनातन का महत्त्व हर एक को समझाना है।

और हमारे,
” वैश्विक क्रांती ” अभियान में बढचढकर सहभाग भी लेना है।

” मंजूर ? ”

हमारा मिशन : – ” २०३६ तक ” हिंदुमय विश्व।
चलो एकेक कदम कामयाबी की ओर। नये युग की ओर।

साथी हाथ बढाना साथी रे।

हम सभी सनातनी केवल और केवल जितने के लिए ही आये है।

हरी ओम्
हर हर महादेव
जय राधेकृष्ण
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विनोदकुमार महाजन

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