*क्या हिंदू धर्म ही सर्वश्रेष्ठ* **धर्म है ?*
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क्या सचमुच में हिंदू धर्म एक सर्वोच्च श्रेणी का तथा उच्च आचरण शैली का धर्म है या फिर कुछ लोग कहते है यह एक भ्रम है ?
इसपर आज आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक सटिक विश्लेषण करते है !
हिंदू धर्म सबसे प्राचीन होकर भी विज्ञानवादी भी है , यह बात हर समय में
सप्रमाण सिद्ध होती आयी है ! समयानुकूल समझौता यह सनातन हिंदू धर्म की विशेषता है !
धर्मांध कट्टरता का ऐसे महान संस्कृती में एक प्रतिशत भी स्थान नही है !
दूसरी महत्वपूर्ण बात ,
यह धर्म मनुष्य निर्मित नही है बल्की ईश्वर निर्मित है , इसिलिए इस धर्म का कोई
धर्म संस्थापक नही है !
अनेक प्रकार की आध्यात्मिक मान्यताओं तथा वैज्ञानिक खोजपर आधारित यह धर्म है !
और यहाँ का बहुसंख्यक हिंदू समाज अध्यात्म से सदियों से जूडा हुवा है !
इसिलिए इस देश को निधर्मी कहना भी गलत है !
भारतीय मूल संविधान में भी डाँक्टर भिमरावजी आंबेडकर ने , ” सेक्युलर ”
शब्द नही जोडा था !
इसिलिए यह घटनाबाह्य तो है ही , साथ ही मूल भारतीय राज्य घटना का और बाबासाहेब आंबेडकर जी का भी यह अपमान है ,ऐसा मैं मानता हूं !
और सेक्युलर शब्द के नाम से तमाम आध्यात्मिक तथा हिंदुत्ववादी समाज को संभ्रमित करना भी गलत है !
इसे कानूनी दंडित अपराध घोषित करना चाहिए !
भारतीय राज्य घटना के मूल सिध्दांतों पर आघात करके ,
बहुसंख्यक समाज को हेतुपुरस्सर निचे दिखाना यह बात तो गलत है ही ! मगर इसके साथ ही बहुसंख्यक हिंदू समाज को अंधेरे में रखकर , उस समाज की दिशाभूल करने का अधिकार ऐसे लोगों को किसने दिया !?
भलेही कुछ प्रतिशत हिंदू समाज उस समय अज्ञान जरूर हो सकता था , यह समाज सहिष्णू भी था और आज भी है , मगर फिर भी धर्म को न मानने वाला नही हो सकता है !
सबसे अहम् और मूलभूत प्रश्न यह भी है की , संपूर्ण हिंदू समाज को ही निधर्मी अथवा सेक्युलर शब्दों में क्यों लटकाया गया ?
ऐसे समाज को भ्रमित करनेवाले व्यक्तियों के मन में उस समय कौनसी अभिलाषा थी ? इसका भी सटिक विश्लेषण होना जरूरी है !
खैर….!
अब देखते है हिंदू धर्म , संस्कृती विश्व पटलपर विज्ञानवादी , मानवतावादी तथा सर्वोच्च सहिष्णू कैसे है ?
हिंदू धर्म के मूल सिध्दांतों का गहराई से और गहन अध्यापन करने से क्या दिखाई देता है ?
हिंदू संस्कृती पूर्णतः मानवतावादी , विज्ञानवादी और सहिष्णू है !
सहीष्णुता के साथ साथ भूतदया तथा वसुधैव कुटुंबकम के महान सिध्दांतों को ऐसे महान संस्कृती ने हमेशा स्विकारा है !
भयावह क्रोर्य जैसा मूल सिध्दांत इस संस्कृति में नहीं है !
बल्कि सर्वाभूती भगवंत जैसा भाव , ही हरसमय दिखाई देता है !
विज्ञान का रहस्य भी अनेक बार हमारे ऋषीमुनीयों ने स्विकारा है !
फिर भी
हिंदुत्व को आज कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबुझकर विवादित बनाया है !
वास्तव में इसी विषय में विवाद उत्पन्न करना ही गलत है !
उस व्यक्ती की हिंदुत्व पर संपूर्ण अभ्यास की कमीयाँ
अथवा कोई दूष्ट हेतू के उद्देश से समाजमन को संभ्रमित करके , हिंदुत्व पर प्रहार करना ही ऐसे लोगों की धारणा तथा घ्रणीत मानसिकता हो सकती है !
शायद क्रूर आक्रमणकारियों ने जबरन धर्म परिवर्तन हेतु ही ऐसी गलत धारणाएं बनाई है ! जो आज भी चल रही है !
इसिलिए हिंदू धर्म को , संस्कृती को , देवीदेवताओं को , साधुसंतों को बदनाम करने वालों के विरुद्ध कठोर कानून बनाकर , उनको कठोर सजा से दंडित कर देना चाहिए !
चाहे वह हिंदू हो या क्रूर आक्रमणकरी !
सहिष्णू हिंदुधर्म प्रेमी कभी भी दूसरे धर्मों को अथवा उनके धर्मावलंबीयों को अपमानित नही करता है ,
बल्की सभी का संन्मान और आदर ही करता है ! उपर से सभी धर्मीयों पर सच्चा प्रेम भी करता है !
इसिलिए हिंदू धर्म तो महान है ही , इसके सिवाय सभी धर्मीयों को यहाँ फलने का फूलने का अधिकार भी देता है !
अलग मुस्लिम देश पाकिस्तान के निर्माण के बाद भी यहाँ , हिंदुओं ने सभी को भाई समझकर , रहने के ही अधिकार नही दिये बल्की कानूनी अधिकार भी दिए !
सहिष्णू हिंदुओं ने उनको भाई समझकर , हिंदुओं से भी जादा कानूनी अधिकार भी दूसरों को दिए ! फिर भी हिंदू गलत और असहिष्णू कैसे !?
उल्टा हिंदुत्व को ही बारबार बदनाम क्यों किया जाता है ?
और हिंदुओं को ही नीचे दिखाने की होड कुछ लोगों द्वारा क्यों लगाई जाती है ?
बहुसंख्यक हिंदुओं के देश में रहकर ?
आश्चर्य है ना साथीयों ?
इसिलिए हिंदू धर्म और उसके अनुयायी मानवतावादी भी है यह सप्रमाण सिध्द भी होता है !
दूसरे धर्मीयों को हमसे जादा कानूनी अधिकार देना ?
यह कोई बडप्पन की और मानवता की बात नही है ?
तो फिर भी हिंदुओं को इस देश में जानबुझकर बदनाम क्यों किया जाता है ?
पूराणमतवादी होकर भी आधुनिक विज्ञान को भी इसी हिंदू धर्म ने सहर्ष स्विकारा जाता है !
इसिलिए यहाँ की नारीयों को बंधन में ना रखते हुए , उसे नारायणी का दर्जा देकर , वैयक्तिक आजादी का भी संपूर्ण अधिकार यहाँ के स्र्ती को दिया जाता है !
है ना गौरवपूर्ण बात !?
आधुनिक युग के साथ साथ सर्वोच्च आध्यात्मिक धारणाओं का भी हिंदू धर्म में स्विकार किया जाता है !
साकार निराकार ब्रम्ह जैसे अनेक विषयों में हिंदुधर्म में विस्तार से विवेचन भी देखने को मिलता है !
आत्मा की खोज , पुनर्जन्म जैसे अनेक गूढ विषयों में भी सटिक वर्णन यहाँ दिखाई देता है !
अनेक आदर्श धर्म ग्रंथों द्वारा , पिढी दरपिढी को यथायोग्य मार्गदर्शन भी ऐसे महान संस्कृती में मिलता है !
ईश्वर की खोज , उसकी स्थिती और अगम्य ईश्वरी शक्तियों का , तार्किक , यथोचित विश्लेषण भी यहाँ दिखाई देता है !
फिर भी हिंदू धर्म संकुचित कैसे हो गया ?
और उसे हेतुपुरस्सर बदनाम क्यों किया जा रहा है ?
आक्रमणकारी , चोर ,उचक्के , डाकू , लुटेरों द्वारा यहाँ की संस्कृती नामशेष करने के अनेक प्रयास बारबार किए गये !
मगर ईश्वर निर्मित ऐसी महान संस्कृती को संपूर्णतः कोई भी मिटा ना सका !
अनेक बार अथक प्रयास करनेपर भी !
उल्टा विश्व स्तरपर यह आदर्श संस्कृती बडे जोरशोर से आज तेजी से बढ ही रही है !
और भी आगे बढती रहेगी !
क्योंकी यहाँ के सिध्दांत ना पैसों के बल पर बिके जाते है अथवा नाही तलवार की धारपर किसी को जबरन धर्मांतरीत किया जाता है !
जिसकी आत्मा , चैतन्य , आत्मशक्ती जाग जाती है , वह व्यक्ती, समाज अनायासे ही सनातन हिंदू धर्म प्रेमी और अनुयायी बन जाता है !
सख्ती अथवा जबरदस्ती एक प्रतिशत भी नही है !
इसिलिए हिंदू धर्म महान और आदर्श भी है !
अज्ञान वश अथवा जानबुझकर हिंदू धर्म को गाली देना मतलब ?
खुद के आत्मा की ही अवहेलना करने जैसा है !
इसिलिए हिंदू धर्म और हिंदू धर्मावलंबीयों को बदनाम करना बंद होना चाहिए !
वर्ना खुद नियती इसमें हस्तक्षेप करेगी और सत्य को और सत्य सनातन धर्म को बदनाम करने का लगातार षडयंत्र करनेवालों को एक दिन नामशेष करेगी !
एक दिन ऐसा होकर ही रहेगा !
*जय श्रीकृष्ण*
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*विनोदकुमार महाजन*