मैं जल्दी ही दिल्ली में ,केंद्र सरकार को सुचित करने के लिए…
बेमुदत उपोषण पर बैठ रहा हुं।
शुरूआत में यह उपोषण एक दिन का लाक्षणिक उपोषण होगा।और उसके बाद आमरण उपोषण आरंभ होगा।
इसकी तारीख जल्दी ही घोषित की जायेगी।
उपोषण से पहलै निचले सभी विषयों पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जायेगी।
कोर्ट,सरकार अथवा मिडिया द्वारा इस संपूर्ण विषय को शायद नजरअंदाज करनेपर यह लडाई, परिणाम मिलनेतक जारी रहेगी।
संपूर्ण देश में उपरोक्त विषय में जनजागृती लाने हेतु, तेज गती से जनजागृती अभियान चलाया जायेगा।
देहात से लेकर बडे बडे शहरों तक कार्यकर्ताओं की व्यापक फौज बनाई जायेगी।
विशेषतः सोशल मिडिया पर जादा फोकस करके,अपेक्षित परिणाम के लिए प्रयास जारी रहेंगे।
इसका प्रमुख उद्देश,
१) २०२४ लोकसभा चुनाव से पहले देश में हमारे टैक्स के पैसों पर पल रहे रोहिंग्या, बांग्लादेशी, पाकिस्तानी घुसपैठियों को तुरंत बाहर निकालना।
क्योंकी यह घुसपैठियों को चुनाव से पहले बाहर नही निकाला गया तो २०२४ के लोकसभा चुनाव पर गहरा असर पडेगा।और परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय विकास कार्यों में अनेक बाधाएं उत्पन्न होगी।
२) जरूरत पडी तो इसके लिए केंद्र सरकार घटना दुरूस्ती विधेयक पारीत करें।और जो भी बाधाएं, रूकावटें है उसको दूर करें।
३) केरल,पश्चिम बंगाल और देश के अन्य जगहों पर हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार तुरंत बंद हो।
४ ) विश्व के कोने कोने में बसे हुए हिंदुओं को उनके अपेक्षानुरूप योग्य सहयोग प्राप्त हो।
५) मुल्ला मौलवियों की तरह पंडितों को भी तुरंत मानधन आरंभ हो।
६) कश्मिरी पंडित विस्थापितों का तुरंत पुनर्वसन हो।
७) २०२४ लोकसभा चुनाव से पहले हिंदुराष्ट्र घोषित हो।
८) आक्रमणकारीयों ,लुटारू के नाम,बडे बडे शहर, गली,गांवों को दिये हुए है।यह कलंकित तथा पापीयों के नाम तुरंत हटाकर राष्ट्रप्रेमीयों के नाम तुरंत घोषित हो।
९) राष्ट्र द्रोही प्रसार माध्यमों पर पाबंदी लगाकर उनपर तुरंत सख्त कानूनी कारवाई हो।
उपोषण के लिए,व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हो,.इसिलिए.
१) पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ
२) मेजर डी.डी.बक्शी
३) यती नरसिंहानंद सरस्वती
४) लक्ष्मण बालयोगी
५) रामदेव बाबा
६) श्री श्री रविशंकर
७) आण्णा हजारे
८) कुमार विश्वास
९) सुरेश चव्हाण के
१०) प्राची अधिकारी
११) जगदीश गौड
जैसे ,
मान्यवरों का सहयोग तथा आशिर्वाद प्राप्त हो,इसिलिए विशेष प्रयास किया जायेगा।
अगली रणनीती कुछ दिनों में घोषित की जायेगी।
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन