हत्या करेंगे, मगर धर्म बढायेंगे
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हत्या करेंगे… मगर धर्म बढायेंगे…
ऐसा हम कभी भी नही कहते और नाही हम कभी ऐसा करते है।
क्योंकि हम हिंदु है।
रूपयों की थैलियां बाटेंगे… मगर धर्म बढायेंगे…
ऐसा भी हम कभी ना करते है,और नाही ऐसा करते है…
क्योंकि हम हिंदु है।
दुसरों के धर्म स्थलों पर, प्रार्थना स्थलों पल आक्रमण करना, लूटमार करना…
हमारे खून में ही नहीं है…
क्योंकि हम हिंदु है।
बहुत सिदेसादे,भोलेभाले, सभी पर आत्मा से प्रेम करनेवाले, सभी का सहयोग करनेवाले, सभी की झोलीयाँ भरभरकर देनेवाले….
हम हिंदु है।
हम सभी के प्रार्थना स्थलों में जाकर, विश्व कल्याण की,संपूर्ण मानवजाती के कल्याण की,
ईश्वर से सदैव प्रार्थना करते है।
और सदीयों से हम ऐसा ही करते आये है।
क्योंकि हम हिंदु है।
मगर… धोका हुवा, विश्वासघात हुवा….
हमारे भोलेपन का फायदा उठाकर, हमारे प्रेम का फायदा उठाकर, हमारे सिदेसादे पन का फायदा उठाकर…
कुछ बेईमान, गद्दारों ने…
हमें ही समाप्त करने की शातिर दिमाग से भयंकर अनेक योजनाएं बनाई।हमें, हमारे संस्कृति को,हमारे देवीदेवताओं को,हमारे सत्य को ,हमारे आदर्श महापुरुषों को…
बदनाम किया।
हमें,हमारे संस्कृति को,हमारे मंदिरों को,हमारे आदर्शों को,हमारे सिध्दांतों को,हमारे प्रेम को,हमारे निष्कपट मन को,हमारे भोलेपन को…
कुचलकर जमीन में दफनाने की बारबार कोशिश की गई।और हमारे साथ उल्टा…भाई…चारे…का
” ड्रामा ” खेला गया।
हम फँसते गये,और
” वह ” भयंकर शातिर दिमाग से,
अंदर ही अंदर हमें हँसते रहे।
और आज हम…बर्बादी की कगार पर खडे रहे।
कोई बात नहीं।
तुम्हारी असलियत, तुम्हारी नौटंकी हमने जान ली है..।पहचान भी ली है।
अब हम नहीं हारेंगे।
हम केवल और केवल जीतेंगे।
जीतकर ही रहेंगे।
क्योंकि हम तेजस्वी है।
हम ओजस्वी है।
हम ईश्वर भक्त है।
हम ईश्वर के ही पूत्र है।
हम सत्य पर प्रेम करनेवाले और सत्य की रक्षा करनेवाले है।
और हम सत्य को कभी हारने नहीं देते।
इतीहास गवाँ है।
अगर सत्य को किसी ने जमीन में भी दफना दिया है…
तो भी….
जमीन का सीना फाडकर भी हमने सत्य की जीत की है।सत्य की रक्षा की है।
हमारे आदर्श धर्म ग्रंथ इस सत्य के प्रमाण है।
जब जब अधर्म ने हाहाकार मचाया है…तबतब धर्म ने शक्तिशाली प्रहार करके….
अधर्म का,असत्य का,आसुरी सिध्दातों का नाश किया है।
और युगों युगों से हम
अधर्म का नाश करके धर्म की जीत करके,धर्म पुनर्स्थापना की है।
सत्य की जीत की है।
तो…?
अधर्म और असत्य हमें ईश्वर पुत्रों को कैसे हरायेगा।
जहाँ मंदिरों में मंगल आरतीयाँ होती थी,मंगल शहनाईयां बजती थी,शंखनाद होते थे…
ऐसे अनेक स्थान आज धरती के निचे दफनाए गये है।
मगर…
समय भी इंतजार करता है…
मुझे विश्वास है…
एक दिन जमीन में दफनाया गया सत्य, वह मंगल आरतीयाँ, मंगल शहनाईयां, शंखनाद
फिरसे….
विश्व के कोने कोने से जमीन के निचे से उठकर, जमीन पर आ जायेंगे।
सत्य जीत जायेगा।
असत्य हार जायेगा।
सत्य का मुखौटा धारण करनेवालों की पोल खुलेगी।
फिरसे संपूर्ण पृथ्वी पर
धर्म का राज होगा।
सत्य का राज होगा।
संस्कृति का राज होगा।
मंगल शहनाईयां विश्व के हर कोने कोने से फिरसे गूंज ही उठेगी।
क्योंकि सत्य को कोई भी दफना नहीं सकता, बरबाद नही कर सकता, बदनाम नही कर सकता।
नियती सब हिसाब बराबर करती है।
इसीलिए साथीयों,
संपूर्ण पृथ्वी पर ईश्वरी राज्य लाने के लिए…
डटे रहो।
यश बिल्कुल नजदीक है।
क्योंकि हम हिंदु है।
और हम कभी भी हारते नही है।
सदैव जीतते ही है।
जीतते ही आये है।
कभी राम बनकर, कभी शाम बनकर, कभी धधगती अंगार जैसी नारसिंह की ज्वाला बनकर हम जीतते ही आये है।
और आगे भी जीतकर ही रहेंगे।
क्योंकि हम हिंदु है।
धरती का स्वर्ग बनाने वाले हिंदु है।
मारकाटकर धर्म बढाने वाले हम नहीं है।
इसे तो हम अधर्म कहते है।
क्योंकि हम आधे नही है
हम पूर्ण विचारवाले और…
पूर्णत्व प्राप्त करनेवाले है।
क्योंकि हम हिंदु है।
ईश्वरी सिध्दातों पर चलनेवाले
हम हिंदु है।
प्रेम से दुनिया जीतने वाले…
हम हिंदु है।
हम हिंदु है।
हरी ओम्
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विनोदकुमार महाजन