कितने साधुसंत,महापुरुष,
क्रांतिकारियों ने देश और
धर्म के लिए आहुतियां दी…
कितने जेलों में बंद रहकर
समाप्त हो गये ???
याद करों,यार करों,याद करों…
और इसीलिए अब हम सभी
भारतवासी
देश और धर्म के लिए ही
जीने की ठान लेते है…
हमारे निजी कामों में व्यस्त होने
के कारण धर्म जागरण के लिए
अगर…
हम समय भी नहीं दे सकते है…
तो…
इस अभियान को नितदिन,
अनेक मार्गों से आगे बढाने की
कोशिश में लगे हुए है…
उनके पिछे अपनी सारी शक्ति तो खडी कर दो…
कम से कम…
गलत लोगों के संगत में आकर,
येनकेन प्रकारेण ऐसे जाँबाज
धर्म योध्दायें को हतोत्साहित
तो मत करो…
उनके रास्तों में बाधाएं, रूकावटें तो मत डालो…
याद रखना,
ऐसे अनेक धर्म योध्दा खुद के लिए नहीं बल्कि…
देश और धर्म के लिए ही जीते है
आपकी और आपकी भावी पीढ़ी की रक्षा के लिए ही
ऐसे योध्दा परिणामों की चिंता किए बगैर जी रहे है…
जागो हिंदुस्थानीयों !!!
देश,धर्म की रक्षा के लिए जागो !
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन