○ संघ प्रचारक एवं विश्व हिन्दू वाहिनी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री मनोज सिह रावत जी ने मठ मन्दिरों के सरकारी करण एवं महाकाल मंदिर की व्यवस्थाओं पर की चर्चा। रावत जी ने कहा कि केवल हिन्दू मठ मन्दिरों का सरकारी करण गलत है रावत जी ने एक धर्म सम्मेलन मे मठ मन्दिरों के सरकारी करण को लेकर मा मुख्यमंत्री जी को लिखे पत्र की एक प्रतिलिपि भी प्रदान की ।
रावत जी ने कहा कि इस लोकतांत्रिक देश में आखिर संविधान का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है ? जब हिंदुओं को धार्मिक स्वतंत्रता एवं समानता के मूलअधिकार प्राप्त हैं तो फिर केवल हिंदू धर्मस्थलों का ही सरकारी करण क्यों किया जा रहा है ? क्या यह एक देश दो कनून से चलेगा ? क्या यह हिन्दुओं के साथ अन्याय नहीं है? वास्तव में विश्वप्रसिध्द ज्योतिर्लिंग महाकाल मन्दिर में पनप रही वीआईपी कल्चर एवं भृष्टाचार सरकारी करण का ही दुष्परिणाम है । हिन्दुओं के मन्दिरों में सरकार द्वारा दर्शन पर टैक्स लगाना कहाँ तक उचित है ? क्या हिन्दू मठ मन्दिरों के सरकारी करण के पीछे उनका व्यसायीकरण ही उद्देश्य है और नहीं तो फिर अन्य धर्मस्थलों का सरकारी करण क्यों नहीं किया जा रहा है । इस लोकतांत्रिक देश में दोहरा वर्ताव सर्वथा अन्याय है । अतः अब संविधान को ठीक से लागू करने की आवश्यकता है।
संकलन : – विनोदकुमार महाजन