मैं हिंदु हुं।मैं हिंदु हुं।
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गर्व से कहता हुं,
मैं हिंदु हुं।
सीना तान के कहता हुं,
मैं हिंदु हुं।
सभी पर पवित्र प्रेम,
करनेवाला मैं हिंदु हुं।
मैं तेजस्वी ईश्वरपुत्र,
हिंदु हुं।
पशुपक्षियों पर भी
प्रेम करनेवाला,
मैं हिंदु हुं।
गाय को भी
माता मानकर,
पूजनेवाला,
मैं हिंदु हुं।
माँ भारती को,
माँ धरती को भी पूजनेवाला,
मैं हिंदु हुं।
मैं सत्य सनातनी
सत्य का रखवाला,
हिंदु हुं।
मानवता का पूजारी,
मैं हिंदु हुं।
वंन्दे मातरम् कहनेवाला
भगवान के भगवे को,
पूजनेवाला,
मैं हिंदु हुं।
सूर्य जैसा तेजस्वी,
मैं हिंदु हुं।
आत्मा परमात्मा को
जोडनेवाला,
नर का भी नारायण
बननेवाला,
मैं हिंदु हुं।
मैं सत्य सनातनी,
हिंदु हुं।
जोर से बोलो,
मैं हिंदु हुं।
गर्व से बोलो,
मैं हिंदु हुं।
मैं हिंदु हुं।
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— विनोदकुमार महाजन।