मेरे लेखों पर प्रतिक्रिया
*मेरे* *लेखों* *पर* *सन्माननीय* *श्री.देवेंद्र* *जी* *शर्मा* *(* *लखनौ* *)* *की* *प्रतिक्रिया* *पढकर* *अत्यंत* *आनंद* *प्राप्त* *हुवा।पुलीस* *में*…
*मेरे* *लेखों* *पर* *सन्माननीय* *श्री.देवेंद्र* *जी* *शर्मा* *(* *लखनौ* *)* *की* *प्रतिक्रिया* *पढकर* *अत्यंत* *आनंद* *प्राप्त* *हुवा।पुलीस* *में*…
समय खराब है ऐसा रोना मत रोईये। तुम्हारा भी समय एक दिन जरूर आयेगा। विश्वास रखिए खुद पर।…
माँ कौन होती है ? गलतीयों पर परदा डालकर सद्गुणों को विकसित करनेवाली और दुनियादारी ? छोटिसी गलती…
यह तो सत्ययुगी इंन्सान नही है साहब ! यह तो कलियुगी इंन्सान है ! जरा बचके रहना !…
नौटंकी करके दूसरों को फँसाने से बेहतर है, कठोर शब्दों द्वारा स्पष्ट वक्ता बनकर असलीयत समझाना… किसी की…