राष्ट्रीय संगठन मंत्री विश्व हिन्दू वाहिनी मनोज सिह रावत RSS प्रचारक जी के अमूल्य विचार महामारी को परास्त करने के लिए ।
सात्वंना देना -जिन भी परिवारों ने अपने सदस्यों को खोया है उनको अपना मानसिक संबल अत्यंत ऊंचा रखना होगा, क्योंकि सभी परिचित, और उनके निकटतम प्रियजन लोग इस अथाह दुख की घड़ी में उनको सांत्वना ही दे सकते हैं । लेकिन वह इस विकट दुख की स्थिति से अपने मन को मजबूत कर कर ही बाहर आ सकते हैं। परिस्थितियां निश्चित रूप से कठिन है लेकिन प्रयास भी उसी अनुरूप ही चाहिए ।
मन को “पाज़िटिव” रखना ही रखना है, और इसी से तन कोरोना “नेगेटिव” हो पायेगा।
मन को मजबूत रखना ही होगा, थककर ,हारकर बैठना नहीं है। निराशा की परिस्थिति का निर्माण मन में नहीं होने देना, बल्कि मन को लड़ने की परिस्थिति के लिए तैयार करना है, कि कैसे इस महामारी से लड़ाई जीते, खुद भी ,और अपने आसपास के लोगों को भी जिताने में जो बन सके वह करें ।
संघ प्रचारक जी कहा एक समूह के रूप में कार्य करना है वर्ग भेद ,जाति भेद,और अन्य मानव निर्मित किसी भी तरह के भेदों को भूलकर त्वरीत गति से सामूहिक सामाजिक साझा प्रयास इस महामारी से लड़ने के लिए ,करें ।
संकल्प की दृढ़ता, धैर्य और सतत प्रयास ,सजगता से सक्रिय रहकर निरंतर प्रयास, जिसमें योग, ध्यान शारीरिक व्यायाम का मेल, और शुद्ध सात्विक उचित आहार करकर हम खुद भी इस बीमारी से बच सकते हैं और औरों को भी इससे बचने के लिए सजग कर सकते हैं ।
बेसिर पैर की बात( नकारात्मक बातें) ना खुद करनी है ना उसको आगे बढ़ावा देने के लिए हमें एक माध्यम बनना है ।
संघ प्रचारक जी ने कहा अपने आप को व्यस्त रखें, और देखें क्या रचनात्मक कार्य ,इस वक्त में, आज के समयानुकुल , सारे नियमों का पालन करते हुए,मैं कर सकता हूं । साथ ही उचित आहार ,उचित उपचार लेना ध्यान रखना है, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना है और उसके बाद भी अगर उसके बाद भी कोरोनावायरस से पॉजिटिव हो जाए तो धैर्य नहीं खोना है ,इस बात को ना छुपा कर अपने आसपास के लोगों को बता कर, जल्द से जल्द उचित उपचार करा कर, अपने स्वास्थ्य को ठीक करा कर इससे बाहर आना है।
बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान देना है यह स्वयं जांचना है कि बच्चों ने लगभग 2 सालों में जो शिक्षा ग्रहण करनी थी क्या वह उसको लगभग उसी अनुरूप ग्रहण कर पा रहे हैं या नहीं।
कोई भी भूखा ना रहे कोई भी बगैर इलाज के ना रहे, इसके लिए प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष अपने आप को सेवा से जोड़ना है अगर प्रत्यक्ष आकर खुद नहीं कर सकते तो जो संस्थाएं इन कार्यों में लगी हुई है उनसे अवश्य जुड़े।
प्रचारक जी ने कहा व्यवस्था और कानूनों का पालन करते हुए कोशिश करें कि जहां भी संभव हो सके, जहां तक संभव हो सके , ऐसे लोगों को रोजगार देवें या ऐसे कार्य करें, जिससे जो लोग अपना रोजगार खो बैठे हैं, वह रोजगार मुखी कार्य कर सकें ,इसके लिए उन्होंने मिट्टी का मटका खरीदने का एक सांकेतिक उदाहरण भी दिया । इसको हम अलग-अलग क्षेत्रों में अपने विवेक के हिसाब से उपयोग, उपरोक्त संकेत, को समझते हुए अपने खरीदारी मैं बदलाव लाकर, समाजसेवी कार्य हेतु कर सकते हैं।
हम जीतेंगे
स्वस्थ रहेंगे – स्वस्थ मस्त रहे का संदेश समस्त देशवासियों को दिया।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री विश्व हिन्दू वाहिनि।
मनोज सिंह रावत
RSS प्रचारक
नागपुर महाराष्ट्र