*परकाया प्रवेश ?*
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यह परकाया प्रवेश क्या है ?
हमारी आत्मा दूसरों के शरीर में प्रवेश करने की और उसका मन , उसके विचार , बुध्दी समझाने की स्थिती !
यह एक उच्च कोटी की सिध्दी है !
अथवा दैवीय शक्ती , पैशाचीक शक्ती ( पिशाच्च )
अथवा कुछ दुष्ट मांत्रीकों अथवा तांत्रिको द्वारा मंत्र , तंत्र के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करके ,हमारे मन को अथवा दिमाग को कब्जे में लेना , इसेभी परकाया प्रवेश ही कहते है !
परकाया प्रवेश यह एक अदृश्य प्रक्रिया होती हैं !
कुछ बार , कुछ विशिष्ट व्यक्तीयों के शरीर में दैवीय शक्तियां प्रवेश करती है और उससे कुछ अच्छा ईश्वरीय कार्य करती है !
अथवा कुछ बार , पैशाचिक शक्तियां हमारे शरीर में प्रवेश करती है , जिसे भूतबाधा भी कहते है ! अनेक बार इसको झपाटलेला भी कहते है ! भूतबाधित व्यक्तियों का आचरण भयंकर विचित्र , विक्षिप्त तथा विकृत मानसिकता जैसा होता है !
और ऐसी प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है !
उस संबंधित व्यक्ति का संपूर्ण शरीर , दिमाग , बुध्दि ही पिशाच अपने कब्जें में लेते है और उस संबंधित व्यक्तियों द्वारा अनैर्गीक आचरण करवाते है !
ऐसा बाधित व्यक्ति अनेक बार , पागलों जैसी विचित्र हरकतें करता रहता है !
इसके कारण अनेक बार संपूर्ण परिवार ही परेशान रहता है !
इसका इलाज भी आसान नहीं है !
गुरु दत्तात्रेय उपासना अथवा नवनाथ उपासना ही इसका इलाज हो सकता है !
अनेक व्यक्तियों का जीवन भी इसी कारण बरबाद होता है ! उस बाधित व्यक्तियों को भी यह समझ में नहीं आता है कि , उसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है ?
जादातर आध्यात्मिक साधना , गुरूमंत्र जाप जैसे दैवीय उपाय भी इसमें फलदायक सिध्द हो सकते है !
ऐसे लोगों को डॉक्टरी इलाज भी काम नहीं आते है ! सभी प्रकार की टेस्ट भी नाँर्मल आती है ! और साधारणतः डॉक्टर को भी इसका अचूक निदान करना असंभव होता है !
मानसोपचार तज्ञ भी ऐसे विषय में अनेक बार असफल रहते है !
दुष्ट मांत्रिकों और तांत्रिकों द्वारा भी कुछ दुष्ट हेतू से प्रेरित होकर ऐसी प्रक्रिया पूरी की जाती है !
ऐसी प्रक्रिया अथवा मंत्र शक्ति विशेषत: स्मशान ही
कि जाती है ! इसे ही करणी भानामती अथवा ब्लैक मैजिक भी कहते है ! जिसे तंत्र विद्या से जाना जाता है !
अनेक बार परिवार के एक व्यक्ति के साथ ही ऐसी मंत्र शक्तियों को प्रभावित किया जाता है ! ऐसा संबंधित व्यक्ति भी अनेक बार पागलों जैसी और अनैर्गीक हरकतें करता रहता है !
तो अनेक बार पूरा परिवार ही ऐसी तांत्रिक शक्तियों के कारण परेशान रहता है !
उस परिवार के लगभग सभी सदस्यों का आचरण भी निरंतर विचित्र , विक्षिप्त , पागलों जैसा रहता है !
घर के सभी सदस्यों की एकसाथ अनेक बिमारियां , अनेक आर्थिक परेशानीयां , घर में विनावजह निरंतर भयंकर झगड़े होते रहना , विशेषत: अमावस्या अथवा पौर्णिमा को भयंकर परेशानियों का दौर बढता रहता है !
सपनों में अनेक बार पिशाच , भूत , मरे हुए लोग दिखना , साँप दिखाई देना , असंबद्ध सपने लगातार आते रहना भी ऐसे प्रयोगों का प्रमाण दिखाता है !
अनेक बार , अनेक हँसते खेलते , संपन्न परिवार भी ऐसे कारणों से संपूर्णतः बरबाद हो जाते है !
किसी का धंधा संपूर्णतः बरबाद हो जाता है अथवा कोई पागल बनकर रास्ते पर भटकते रहता है ! तो किसी व्यक्ति की अनैर्गीक तथा अपघाती मृत्यु भी हो सकती है !
विशेष दैवीय उपायों द्वारा , निरंतर ,अथक , खडतर दैवीय साधनाओं द्वारा ही इसका हल संभव हो जाता है !
मनुष्य बुध्दि के समझने के बाहर का यह विषय होता है !
हमारे धर्म ग्रंथों में अनेक बार इसके विषय में वर्णन किया जाता है !
ऐसे सभी विषय संपूर्णतः साधारणतः परकाया प्रवेश के ही संबंधित होते है !
सभी समस्याओं का एक ही अंतिम उपाय है , निरंतर आध्यात्मिक साधना , गुरू सानिध्य अथवा गुरू मंत्र का निरंतर जाप !
आखिर कर्मगति के फेरों के अनुसार ही सभी उचित – अनुचित घटनाएं हर एक के जीवन में घटित होती रहती है !
जय हरी विठ्ठल !
रामकृष्णहरी !!
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*विनोदकुमार महाजन*