*कालसर्पयोग और मनुष्य ?*
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वैसे तो
लगभग सभी मनुष्यों का जीवन सदैव दुखों से ही भरा रहता है !
चींता , परेशानियां , भय ,आर्थिक परेशानियां , बिमारीयाँ जैसी अनेक मुसिबतें हर समय में साथ रहती है !
और मनुष्य प्राणी इससे निरंतर छूटकारा पाने की कोशिश में रहता है और हर समय में सुखों की खोज में रहता है !
इसीलिए रामदास स्वामी भी कहते है , ” जगी सर्व सूखी असा कोन आहे ? ”
वास्तव में सूखी कोई भी नहीं है !
और ऐसे में फिर हमारे जीवन में ,
” कालसर्पयोग ” बनता है तो लगभग पूरा जीवन ही दुखों से और भयंकर मुसिबतों से , कष्ट से भरा पडा रहता है !
” अदृश्य सर्पों द्वारा चारों ओर से घेरना अथवा जकडना ! ”
हम जैसे जैसे बाहर निकलने की कोशिश करते है , वैसे ही अदृश्य सर्पों का भयंकर जहरीले मुसिबतों का घेरा बढता है !
और फिर शुरू होता है इससे बाहर निकलने के लिए , अनेक दैवी उपायों का अखंड सिलसिला !
सौ प्रतिशत उपाय कभी मिलता नही और हम मुसिबतों के चक्कर से बाहर निकलते नही है !
आजीवन केवल और केवल दुख ही दुख !
छूटकारा नही !
एक मुसिबत टलती है तो दूसरी आती है ! दूसरी टलती है तो तीसरी मुसिबत भयंकर उग्र रूप धारण करके सामने खडी हो जाती है ! और हम मजबूर , असहाय होकर , उसी भयंकर चक्रव्यूह में निरंतर फँसते जाते है !
किसी के सहयोग की अपेक्षाएं भी लगभग समाप्त हो जाती है !
आर्थिक हानि , बढती बिमारीयाँ ,असह्य बदनामीयाँ , समाज और रिश्तेनातों में अकेला पड जाना , झूठे आरोप में फँसकर , और ऐसी ही अनेक जटिल मुसिबतों में फँसकर , जीवन असह्य होना !
और सुसह्य जीवन का हमारा निरंतर प्रयास !
कालसर्प का घेरा सचमुच में अती भयावह होता है !
ऐसा योग , लगभग पूरा जीवन ही बर्बाद कर देता है !
तो इससे छूटकारा पाने का सचमुच में कोई दैवी उपाय है या नहीं ?
उपाय है !
असंभव को भी संभव में बदलने की शक्ति , क्षमता ,और दैवी उपाययोजना हमारे आदर्श धर्म ग्रंथों में , धर्म शास्त्रों में और सनातन धर्म में जरूर बताई गई है !
सनातन धर्म एक ऐसा आदर्श सैध्दांतिक धर्म और आदर्श जीवनप्रणाली है जीसमें असंभव कुछ भी नहीं है !
बस्स्…उसके लिए चाहिए अटूट विश्वास , तीव्र इच्छशक्ति और अचूक दैवी उपाययोजना !
फिर कालसर्पयोग हो अथवा उससे भी भयंकर जटिल समस्याओं से घीरा हुवा हमारा जीवन हो , सभी से छूटकारा पाकर ,
एक सुखी , आनंदी , यशस्वी जीवन जीने का तरीका भी हमारे आदर्श सनातन संस्कृति में बताया गया है !
अचूक रास्ता पता होना चाहिए !
फिर देखिए कमाल !
आश्चर्यजनक तरीकों से हमारा जीवन बदलने का रास्ता भी हमारे आदर्श हिंदू धर्म में बताया गया है !
इसके बारें में विस्तार से तथा विस्तृत लेखन किसी दूसरे लेखों में !
( जादू की छडी )
हरी ओम्
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*विनोदकुमार महाजन*