Thu. Jan 30th, 2025
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*समाज सुधारक !!*
✍️ २५९१

साधुसंत, समाजसुधारक, क्रांतीकारक, महापुरुष कभी भी खुद का, खुद के स्वार्थ का विचार नही करते है बल्कि हमेशा समाजहित का ही विचार करते है!
और फिर भी मतलब की यह दुनिया उनको ही निरंतर तडपाती रहती है!

धन्य है दुनियादारी !!

*विनोदकुमार महाजन*

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