कली का साम्राज्य और परेशान सत्यवादी !!
✍️ २२४५
विनोदकुमार महाजन
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एक चौतरफा सुक्ष्म नजरों से चारों ओर देखेंगे और सत्य, सत्याचरणी और सत्यवादीयों की स्थिती देखेंगे तो क्या दिखाई देगा ?
लगभग सभी सत्यवादी तथा सत्यप्रेमी परेशान है ! किसी न किसी मुसिबतों से जूंझ रहा है !
ऐसा क्यों ??
क्या आज के भयंकर, घोर कलियुग में,भयंकर उन्मादी चौतरफा कली के साम्राज्य ने,संपूर्ण पृथ्वी पर अधर्म का भयंकर अंधेरा फैलाया हुवा है ?
यही धर्मग्लानी है ??
इसिलिए हर सत्यवादी परेशान है ? हर धर्म प्रेमी मुसिबतों से जूंझ रहा है ? अनेक मुसिबतें !
अक्राल विक्राल मुसिबतें !
अनेक समस्याएं,अनेक मुसिबतें, अनेक आर्थिक परेशानियां जैसे अनेक समस्याओं से ग्रस्त है ?
और झूठ का बोलबाला है ?
और सच का मुंह काला ?
जितना असत्य, अधर्मी बनकर समाज में जियेंगे, उतनी ही उंचाईयों को,यश को हासिल करेंगे ? झूठी प्रतिष्ठा, मानसंन्मान प्राप्त करेंगे ?
और सत्याचरण मतलब ?
तेज धार की तलवार पर चलने जैसा है ?
इतिहास में जाकर देखेंगे तो भी क्या दिखाई देगा ?
क्रूर ,हिंसक आक्रमणकारी,भ्रष्टाचारी,
अत्याचारी,देशद्रोही निरंतर आगे बढते रहे ?
और …?
सावरकर, सुभाषबाबू , शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज , महाराणा प्रताप ,पृथ्वीराज चौहान ,गुरू गोविंद सिंह जैसे अनेक महात्माओं को भयंकर दुखदर्द, पीडा,यातना, आत्मक्लेश भोगने पडे थे ?
अनेक निष्पाप साधुसंतों को कारागृह में जाना पडा ?
क्या यही उन्मत कली का प्रताप है ? और संपूर्ण विश्व पर ,कली भयंकर तेज गती से अपना साम्राज्य फैला रहा है ? अधर्म फैला रहा है ?
इसिलिए विश्वपटल पर एक भी हिंदुराष्ट्र नहीं है ? सत्य सनातन धर्म परेशान है ? सत्य परेशान है ? सत्याचरण करनेवाला हर व्यक्ति मुसिबत में है ?
जब भगवान श्रीकृष्ण, भगवान श्रीराम जैसे विष्णु के अवतार भी… धरती पर अवतरित हुए थे ,तब तो उन्मत्त कली का साम्राज्य नहीं था !
फिर भी भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम को भी भयंकर दुखदर्द, पीडा,यातनाएं भोगनी पडी थी ?
क्या हर अवतारी पुरूषों को, महापुरुषों को,सिध्दपुरूषों को ,महायोगीयों को यह…ऐसा भयंकर जहर हजम करना ही पडता है ?
माता सिता , आदिमाया का अवतार होकर भी, रावण जैसे उन्मादी महाराक्षस ने सीता का हरण किया ? राम को राजऐश्वर्य का त्याग करके ,बनवास का भयंकर जहर हजम करना पडा ? सीता का हरण देखना पडा ? भयंकर दुखदर्द सहना पड़ा ?
भगवान कृष्ण को भी अपने मातापिता का वियोग अनेक दिनों तक सहना पडा ? उन्हे भी सगा मामा कँस के कारागृह में मजबूरन रहना पडा ? और अपनी आँखों के सामने भगवान श्रीकृष्ण को यह दुखदर्द देखना और सहना पडा ?
सगा मामा कँस का भी वध करना पडा ? पत्थर दिल बनकर ?
प्रत्यक्ष परमात्मा की ऐसी स्थिति है ! तो हमारे जैसे सत्यवादी और सत्यप्रेमी साधारण व्यक्तियों की, वह भी भयंकर घोर कलियुग में,कितनी भयंकर स्थिति होगी ?
इसपर मंथन, चिंतन होना जरूरी है !
ताकि सत्य की,सत्यवादीयों की,सत्यधर्म की,सत्य सनातन की,हिंदु धर्म की अंतिम जीत के लिए, पर्याप्त पर्याय ढूंढने में सहयोग मिलेगा !
उन्मत्त कली और उसका सर्वदूर फैला हुआ भयंकर साम्राज्य उध्दस्त करके,फिरसे सत्य की और सत्य सनातन धर्म की, संपूर्ण विश्वपटल पर,पुनर्स्थापना करना,क्या इतना आसान होगा ?
हर जगहों पर बैठे हुए कली के शातिर दूत ऐसा होने देंगे ?
वो तो निरंतर हमपर हावी होने का ही प्रयास करेंगे ! हमें समाप्त करने की ही रणनितीयों को अपनायेंगे !
प्रत्यक्ष परमात्मा भी मानवी देह धारण करके,धरती पर अवतीर्ण होगा,तो भी उन्मत्त कली और उसके अनेक गुप्त दूत,हर जगहों पर बैठे हुए, उसके दूत ईश्वर को नहीं पहचानेंगे ?
पहचानेंगे भी ! और ईश्वर को भी मुसिबतों में डालने का प्रयास भी करेंगे ! जैसे ? कँस ने कृष्ण को चारों तरफ से घेरने का और समाप्त करने का निरंतर, लगातार प्रयास किया था !
इसीलिए प्रत्यक्ष परमात्मा को भी जीत की जबरदस्त निती बनानी ही पडेगी !
उपरी दिखावे के शस्त्र और अस्त्र त्यागकर, गुप्त शस्त्र और अस्त्रों को धारण करना पडेगा !
कली का साम्राज्य और उसके शातिर दिमाग के अनेक गुप्त अनुयायी ,हर जगहों पर और संपूर्ण पृथ्वी पर ,पहरा दे रहे है !
उन्मत्त, उन्मादी, हाहाकारी कली का भयंकर साम्राज्य फैलाने के लिए ,अनेक प्रकार की गुप्त नितीयाँ बना रहे है !
अनेक प्रकार के भयंकर जाल भी बिछा रहे है !
धनलालच से अथवा तलवार के धारपर उनका भयंकर साम्राज्य विस्तार का सिलसिला लगातार जारी है !
इसकी अंतिम काट ढूंढनी है !!
विश्वपटल पर !!!
लगभग हर एक के दिमाग पर,लगभग हर घर में ,उन्मत्त कली ने प्रवेश कर लिया है !
इसीलिए भयंकर हाहाकार मचा हुआ है !
चारों तरफ ! घर घर में !
जो कली के कब्जे में जाने के लिए तैयार नहीं है, सत्य के लिए मर मिटने को भी तैयार है, उनकी खुद कली और उसके दूत भयंकर दूर्दशा बना रहे है !
भयंकर कुटिल निती द्वारा !
क्या इसीलिए सत्य सनातन धर्म की, पुनर्स्थापना के लिए, विष्णु अवतारी,कल्कि की ही आज संपूर्ण विश्व को, संपूर्ण मानवप्राणीयों को,संपूर्ण सजीवों को,सख्त और नितांत जरूरत है ?
जो धरती पर गुप्त रूप से आयेगा भी,गुप्त रूप से कार्य करेगा भी,गुप्त रूप से पापीयों का,उन्मादियों का संहार भी करेगा, सत्य सनातन धर्म की,संपूर्ण विश्व पटल पर, पुनर्स्थापना भी करेगा, उन्मत्त, उन्मादी, हाहाकारी कली का भयंकर साम्राज्य भी उध्दस्त कर देगा ? हर शाख पर बैठे उसके गुप्त दूतों को भी समाप्त कर देगा ?
और सत्य की अंतिम जीत भी कर सकेगा ?
आपको क्या लगता है ?
कल्कि अवतरित हुवा है ?
यशस्विता की अनेक योजनाएं तथा गुप्त रणनितीयाँ बना रहा है ?
क्या यह संभव भी हो सकता है ?
आप सभी की मनोधारणा क्या है ?
अगर आप सत्यवादी है,तो जरुर मुसिबतों में फँसे हुए है !
आर्थिक परेशानियां, अनेक प्रकार की मुसिबतें, अनेक प्रकार की बिमारियां, अनेक हितशत्रुओं से परेशानियां, अनेक गुप्त शत्रुओं की,सत्य को परेशान ही नहीं तो…समाप्त करने की अनेक गहरी तथा गुप्त चालें ?
अगर ऐसा आपके जीवन में हो रहा है, तो निश्चित ही आप सत्यावलंबी, सत्यवादी और सत्यप्रेमी ही हो !
और एक बात भी पक्की है की,
सत्य का रखवाला खुद ईश्वर होता है ! और वही ईश्वर अहोरात्र आपके साथ भी है ! अगल बगल में है !
आपका दिनरात संरक्षण भी कर रहा है !
हर मुसिबतों में !
बस्स्…आपको वहीं नजर चाहिए !!
बाकी ?
अगले लेख में !!
हरी ओम्
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