Thu. Oct 17th, 2024

सत्य को निगलने नहीं देंगे

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सत्य को निगलने नहीं देंगे !!
✍️ २२२०

विनोदकुमार महाजन

👍👍👍👍👍

अगर कोई तुम्हे निगलने के लिए आ रहा है…तो क्या तुम,उसको स्वस्थ, शांत और मौन रहकर निगलने देंगे ?
या उसका विरोध करेंगे ?
ईश्वर ने सभी को जिवीत रहने का अधिकार दिया है !
इसिलिए तुम्हे जो निगलने को आया है,उसका ईश्वरी सिध्दातों के अनुसार, विरोध होना ही चाहिए !

और तुम्हे निगलकर कोई, तुम्हारा अस्तित्व ही समाप्त कर रहा है, तो …?
तुम शांत और मौन रहने के बजाए, जो तुम्हें निगलने के लिए आ रहा है… और तुम्हारे सामने,उसे ही… निगलने के सिवाय, दूसरा पर्याय ही बचा नहीं है…तो ? उसको तुम छोड देंगे ?
या फिर उसको ही तुम निगल दोगे ?

खुद की आत्मरक्षा करना कोई पाप नहीं है ! और तुम्हे निगलने के लिए आनेवालों को,तुम खुद ही निगल देना,इसमें कोई पाप भी नहीं है, अथवा दोष भी नहीं है !

यही ईश्वरी सिध्दांत है !

।। ” अहिंसा परमो धर्म :
धर्म हींसा तथैवच् ” ।।

और अगर मेरे आदर्शों को,मेरे आदर्श ईश्वरी सिध्दांतों को और ईश्वर निर्मित,मेरे सनातन हिंदु संस्कृती को,निगलने के लिए, कोई आ रहा है… तो मैं…हम सभी…?
क्या चुपचाप, शांत और मौन रहकर, मेरे ईश्वरी धर्म को,ईश्वरी सिध्दांतों को, निगलने देंगे ?

हरगीज नहीं !
उल्टा ऐसा करना भी पाप है !
अपराध सहना भी घोर पाप है !

इसिलिए साथीयों,
मुझे भी,हम सभी को भी,उसे निगलना ही पडेगा !
जो हमें निगलने के लिए आ रहा है !

महाराक्षस अथवा महासैतान ??

केवल तभी और तभी मेरा अस्तित्व सुरक्षित रहेगा !
जब हम उल्टा उसे ही निगल देंगे !

और ईश्वरी सिध्दातों के अनुसार, मेरा यह प्रदत्त ,ईश्वरी अधिकार भी है !

तो आप बोलो ?
सचमुच में मैं इसमें कुछ गलत लिख रहा हुं ?

अगर कोई हमें,अहिंसा का पाठ पढाकर, हमें षंढ बनाता है,और हमारा अस्तित्व ही,इसके कारण खतरें में आता है तो क्या यह मेरे बर्बादी का तमाशा मेरे आँखों से देखता रहूंगा ?

या प्रतिरोध करता रहुंगा ?
आप बोलो !
बोलना पडेगा !!

हर हर महादेव !!

🙏🙏🙏🙏🙏

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