Sat. Sep 7th, 2024

घुसपैठी घुस रहे है ?

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घुसपैठी घुस रहे है ?
तो घुसने दो ना !!
✍️ २१९८

विनोदकुमार महाजन
——————————-
सत्य कडवा होता है !
और सत्य असत्यवादीयों को कैसे हजम होगा ?
सत्य बोलने,लिखने से , असत्यवादीयों को बुरा तो लगेगा ही ना ?

अब यही बात देखो ना,
हम हिंदुत्ववादी , चिल्लाचिल्लाकर,सभी देशवासियों को जागृत करने का,विविध माध्यमों द्वारा,दिनरात प्रयास कर रहे है !
परिणामों की चिंता किए बगैर !

और अनेक हिंदुओं की मानसिकता भी तो देखो !
आश्चर्यचकित रह जायेंगे !

देखो 👇👇👇
समस्या ( १ )
देश के अनेक भागों में बडी संख्या में, घुसपैठी घुस रहे है !
हमें संपूर्ण रूप से तबाह करने की कोशिश कर रहे है !
उत्तर : – अरे तो घुसने दो ना !
हमें क्या लेना देना ?
हमें तो फ्री का बिजली, पाणी तो मिल ही रहा है ना ?
तो हमें घुसपैठियों से क्या लेनादेना ?
अगर तुम्हें लेनादेना है तो तुम देख लो ! हमें क्या ?
घुसपैठी घुसे या देश बर्बाद करें ?

समस्या ( २ )
देश के अनेक भागों में हिंदुओं पर भयंकर अत्याचार हो रहे है !
उत्तर : – अरे तो होने दो ना !
आखिर हमें बताते ही क्यों हो ?
हमें तो हमारा बिजनेस, धंधा , कारोबार देखना है ! बहुत पैसा कमाना है ! ऐशोआराम से भी जीना है ! कृपया हमें हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बारें में मत बताईये ! हाथ जोडते है रे बाबा !
अगर हिंदुओं को जगाना है तो तुम जगाओ ! हमारा इससे कुछ लेनादेना है ही नहीं !

समस्या ( ३ )
हमारे देश में अनेक देवीदेवताओं को,धर्म ग्रंथों को,हमारी संस्कृति को,हमारे आदर्शों को,हमारे महापुरुषों को बदनाम किया जा रहा है !
उत्तर : – मुर्ख और पागल हो क्या ? आखिर हमें यह बता ही क्यों रहे हो ? हिंदुहितों का और हिंदुत्व जागरण का तुमने ठेका ले रखा है ! हमने तो नहीं ना ?
तो हमें ऐसे मुद्दे बारबार बताते ही क्यों हो ? सचमुच में तुम पागल ही हो क्या ?
तुम सब जाव भाड में !
हमें रोजी – रोटी के लिए चार पैसे तो कमाने दो ?
धर्म – धर्म की क्या विनावजह की फालतु बकबक बना रखी है ?

समस्या ( ४ )
अनेक राष्ट्रद्रोही और राष्ट्रविघातक शक्तियां देश तोडऩे के लिए दिनरात मेहनत कर रही है ! दिनरात प्रयास कर रही है !जाग जाओ,और एकता बढाओ !
उत्तर : – एकता बढाने के लिए बताने वाले और हमें जगानेवाले आखिर तुम हो ही कौन ?
तुम्हें कोई काम धंधा नहीं है क्या ?
हमें भी ठीक से कामधंधा करने नहीं देते है !
हमेशा चिल्लाते रहते है !
जागो,जागो,जागो !
तुम्हारा धर्म का नशा क्या हमें पैसापाणी थोडे ही देगा ?
जाव बाबा जाव !
हाथ जोडते है !
हमें परेशान मत करों !
हमारा कामधंधा देखने दो !

समस्या ( ५ )
अरे महात्माओं, तेजस्वी ईश्वर पुत्रों, तुम्हारा खुद का अस्तित्व और तुम्हारी संस्कृति ही खतरे में है ! जरा सोचो समझो !
उत्तर : – हमें तेजस्वी ईश्वर पुत्र कहनेवालों,सचमुच में तुम पागल ही हो क्या ?
तेजस्वी ईश्वर पुत्र होते तो ,भिखारी जैसा जीवन क्यों जीते ? मुक्त का राशनपाणी क्यों खाते ?
बडे आये है हमें समझाने !
कहते है – अस्तित्व खतरे में है, संस्कृति खतरे में है !
जब का तब देखा जायेगा ना ?
आखिर हमें करना ही क्या पडेगा ? जादा से जादा भागना ही पडेगा ना ? सारा धन वैभव छोडकर !
बडे आये है हमें समझाने ! खुद को ज्ञानी समझने वाले ! चुल्लू भर पाणी में डूब मरों ! हमें तत्वज्ञान सिखाते है !
सदियों से हमारी भागने की आदत पता होनेपर भी हमें ही उल्टा ज्ञान सिखाते है !
कर्मजलों,फिरसे हमें जगाने की कोशिश भी मत करना !
बडे चिल्लाते रहते है…
जोरजोरसे… दिनरात…
हिंदुत्व… हिंदुत्व…
अरे कोई काम धंधा भी है या नहीं बचा ?
खुद चैन से जिते नही है ! और हमें भी चैन से जीने नहीं देते है !

तो हिंदुत्ववादी सभी साथीयों,
अब,
आप सभी से मेरा एक प्रश्न है..
क्या चेतनाशून्य, तेजोविहीन, अस्तित्वहीन ,मुर्दे समाज को( प्रतिशत नहीं बता सकता ! 🙏 )जगाने का हम सभी का निरंंतर प्रयास कुछ काम आयेगा भी ? या नहीं ?
या हमें भयंकर धर्म संकट हटाने का केवल सपना ही देखना पडेगा ?

आखिर ऐसी भयंकर बिमारी का,विनाशकारी मानसिकता का सचमुच में
” रामबाण ! ”
इलाज और उत्तर क्या है ?
समाज जागृती अभियान को गती देने के लिए, आखिर इलाज ही क्या है ?
जो समाज मन की मरी हुई चेतना जगा सकें ?

हिंदुराष्ट्र निर्माण, अखंड भारत ,विश्वगुरु भारत और सनातन धर्म का वैश्विक कार्य विस्तार, इसको गती देने का विषय भी ऐसी भयंकर विनाशकारी मानसिकता के सामने कितना प्रभावशाली रहता है ? यह चिंतनीय विषय है !

मेरे हिसाब से और मेरी नजरों से एक ही उत्तर बचता है ! देश का ऐसा भयावह अराजक समाप्त करने का ! ( ??? )
उत्तर जानना चाहते है तो…
अगले लेख का इंतजार करना पडेगा !

दूसरी एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात बतानी है,
जाँर्ज सोरेस जैसे महाविनाशकारी अंतरराष्ट्रीय घातक लोग,हमारे बिकाऊ समाज को खरीदकर, आगे की रणनीति बना रहे है ! अगर उन्हें और उनकी योजनाओं को धाराशायी करना है, और अंध:कारमय भविष्य से बचना है, तो सोशल मीडिया पर, दिनरात डटे तो रहना ही पडेगा ! और प्रखर राष्ट्रवाद का तथा प्रखर राष्ट्रवादी व्यक्ति, संगठन, सरकार का पूरजोर समर्थन करना ही पडेगा !
उनकी हिम्मत, हौसले और शक्ति बढाने के लिए प्रयासरत रहना ही पडेगा !

हल्लाबोल !
दिनरात हल्लाबोल !!
देशविघातक शक्तीयों के विरूद्ध सजग होकर,
हल्लाबोल !!!

आगे की ( २४ ) जीत तो पक्की है ही ! मगर फिर भी…
हर एक कदम,फूंक फूंक कर आगे बढाना ही होगा !

जय श्रीराम !
हरी ओम् !

🙏🙏🙏🕉🚩

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