धर्म का कार्य ?
ना रे बाबा ना !!!
✍️ २१८३
विनोदकुमार महाजन
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दुनिया के लगभग सभी देशों में, अपने अपने धर्म के प्रती,लगभग सभी व्यक्ति सदैव जागृत रहते है ! और धर्म का अनादर ना हो,इसिलिए सदैव तत्पर भी रहते है !
मगर अनेक हिंदुओं की मानसिकता क्या है ?
धर्म के प्रती उदासीनता !
वजह ?
अपने धर्म के प्रति आस्था और आदर का अभाव !
आखिर ऐसा क्यों ?
क्योंकि धर्म के प्रति, नितदिन,हरपल… जोडने के प्रभावी माध्यमों का अभाव !
और निजी स्वार्थ के कारण जीवन की व्यस्तता !
इसिलिए धर्म के प्रति उदासीन लोगों को पुछेंगे… की….
धर्म का कार्य करना है…
तो….?
उत्तर आयेगा …!
” धर्म का कार्य ?
अरे भई,ये तो बुढापे में किया जाता है ! अभी धर्म का कार्य करेंगे, तो व्यावसाय – धंधा कैसे करेंगे ? और पैसा कैसे कमायेंगे ? और परिवार का पालनपोषण कैसे करेंगे ? ”
साधारणतः यही मानसिकता दिखाई देगी !
दूसरी विचारधारा शायद यह भी है की…
” धर्म का कार्य…?
अरे बापरे !
ना रे बाबा ना !
इतने आक्रमण हुए, इतना खूनखराबा हुवा…धर्म की इतनी हानी हो गयी…
अरे बापरे…
यह तो हमसे बहुत दूर का विषय है ! इससे बेहतर यही होगा की,
खूब पैसा कमाओ !
ऐशोआराम की जींदगी जीओ !
बच्चों के सुखों के लिए, खूब पैसा कमाओ !
धर्म क्या हमें पैसा देगा ? ”
ऐसी उदासीनता !
तो तीसरी मानसिकता ?
” अरे धर्म हमसे थोड़े ही दूर है ?
हर दिन दुकान में जाते है तो…
भगवान के फोटो को हार – फूल चढाते है ! दीपक जलाते है ! अगरबत्ती भी जलाते है !
दो तीन महिने में एक बार मंदिर भी जाते है !
हाथ जोडकर, आँखें बंद करके भगवान से प्रार्थना भी करते है…”
” हे भगवान, तुने तो हमारे बिजनेस में बहुत तरक्की करवाई है ! एक करोड़ कमाया हूं ! बस्स्… अब एक काम और करना भगवान ! एक करोड़ के… दस करोड़ कैसे बनेंगे… इसपर भी जरा ध्यान देना !
और हाँ,दूसरी एक बात प्रभु, बच्चे जरा धंधे पर ध्यान नहीं देते है ! जरा उनको भी थोडीसी बुध्दि देना ! और चार पैसा कमाने की अकल देना !
मेरा काम तुने कर दिया ना ? तो तुझे अच्छा सा भोग चढाउंगा !
हो सके तो…धंधे से समय मिला तो…तीर्थयात्रा भी करूंगा !
पर मेरा और मेरे परिवार का थोड़ा ध्यान रखना भगवान ! ”
बस्स्… हो गया धर्म का काम ?
सचमुच में यह धर्म का ही कार्य है साथीयों ? जरा सिने पे हाथ रखकर ही कह देना ?
क्या सचमुच में इससे समाज में धर्म के प्रति जागृती आ जायेगी ?
और एक विचारधारा है !
बिल्कुल नकारात्मक ,विनाशकारी विचारधारा !
” अत्याचारी, लुटेरे, आक्रमणकारियों ने भयंकर खूनखराबा किया ?
करने दो ना ! हमें क्या ?
और देवीदेवताओं के अपमान के बारें में बोलते हो ?
अरे,फिर देवीदेवता ही देख लेंगे ना ! हमें क्या लेना देना है आखिर ? ”
तो आखिर धर्म है क्या ?
ईश्वरी सिध्दांतों का स्विकार और
राक्षसी सिध्दांतों का संहार
यही धर्म है !
सत्य, प्रेम,मानवता,अहिंसा, पशुपक्षियों का भी रक्षण
और पशुपक्षीयों को संपूर्ण अभय यही धर्म है !
नींदा, द्वेष, मत्सर,अहंकार विरहीत,सर्वहितकारी, सर्वकल्याणकारी, आनंदी,स्वयंपूर्ण, स्वाभिमानी,भेदभाव रहित समाज… यही धर्म है !
दिव्यत्व – भव्यत्व स्विकारने वाला,वसुधैव कुटुम्बकम..।बताने वाला,परोपकारी आदर्श समाज,यही धर्म है !
ऐसा परीपूर्ण धर्म कौनसा है ?
एकमेव…
ईश्वर निर्मित,
सत्य सनातन वैदिक हिंदु धर्म !!!
इसिलिए साथियों,
हमें अब विस्तृत तरीकों से धर्म जागृती अभियान चलाना है !
हर घर में जाकर, घर के हर व्यक्ति को धर्म के प्रति जागृत करना है !
धर्म का महत्व बताना है !
धर्म के प्रति प्रेम,विश्वास, आस्था जगाना है,बढाना है !
साधुसंतों की,रामकृष्ण की कथा सुनने के लिए, हर एक को बाध्य करना है !
सामुहिक स्थानों पर सभी को इकठ्ठा करके, धर्म जागरण का महत्व सभी को सुनाना है !
शहरों से लेकर… देहात तक,जागृती अभियान तेज करना है ! जनजागृति अभियान चलाना है !
ढोल – ताशे – शहनाई की आवाज से पूरा परिसर जाग उठाना है !आसमान को भी जगाना है ! हर दिन के सुबह को,रामनाम के गजरों से,प्रभातफेरी भी निकालनी है !
हर गली,गाँव, शहरों को जगाना है !
हर एक के घर पर भगवान का भगवा ध्वज लगाना है ! हर एक के माथे पर भगवान का आदर्श प्रतीक…भगवा तीलक भी लगवाना है ! और…?
हर घर ,दुकान, मकान में ?
रामजी का फोटो भी लगवाना है !
बडे शान से,
” जय जय श्रीराम का नारा लगाकर,रामराज्य लाना है ! ”
और ?
और धर्म जागृती के साथ ही,
हर घर आर्थिक संपन्न हो, इसिलिए…
मोदीजी की हर आर्थिक योजना सभी को समझानी है !
मोदीजी के विकास गंगा की विस्तृत जानकारी सभी को समझानी है !
हर एक के आर्थिक विकास की योजना, हर घर में पहुंचानी है !
हर घर में समृद्धि लानी है !
क्योंकि ?
भारत देश को फिरसे,
सोनें की चिडिय़ा वाला,समृद्ध, संपन्न, सुजलाम् – सुफलाम्
राष्ट्र बनाना है !
कोई भूका ना रहे,
कोई गरीब ना रहे,
कोई कंगाल ना रहे,
कोई हीन – दीन ना रहे,
ऐसी योजनाएं लानी है !
संपन्न राष्ट्र के साथ,
सुसंस्कृत पिढी भी बनानी है !
उठो साथीयों, उठो !
रामराज्य लाने के लिए,
शंखनाद करो !!!
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