रामचरीत मानस जलानेवालों
✍️ २१५७
विनोदकुमार महाजन
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रामचरीत मानस जलानेवालों
तुम….
महापापी,
रामचरीत मानस को नहीं जला रहे हो !
बल्की,
हिंदुओं की आस्था,श्रध्दा, भक्ती, प्रेम,संस्कृती को जला रहे हो !
और इसका ईश्वरी दंड क्या होता है क्या आपको पता है ?
भयंकर तबाही !
इसिलिए सावधान हो जाईये और ईश्वर की और हिंदुओं की माफी माँगो !
रही बात हिंदुओं की !
हिंदू तो हमेशा सहिष्णु होता है !
सभी पर प्रेम करनेवाला !
सच्चा प्रेम !
सभी में एकसमान आत्मतत्त्व देखनेवाला !
पशुपक्षीयों में भी !
हर मनुष्यों में भी !
ब्राम्हणों में भी !
और ? ( आपकी जुबानी से )
शूद्रों में भी !
तुम क्या समझेंगे हिंदुत्व का महत्त्व और व्यापक अर्थ ?
रही बात तुम्हारे औकात की !
अगर तुम्हारी सचमुच में औकात है तो…???
पाकिस्तान में दलित,शुद्रों पर भयंकर, भयानक अत्याचार हो रहे है…
उसका विरोध करके दिखाओ !
केरल,पश्चिम बंगाल जैसे अनेक प्रदेशों में दलित, शूद्रों पर भयानक अत्याचार हो रहे है !
जरा उसके खिलाफ भी आवाज उठाके दिखाओ !
तभी हम आपकी सच्चाई का स्विकार करेंगे !
मगर तुम्हारे जैसे नौटंकीबाज,पाखंडी ऐसा नहीं करेंगे !
क्योंकी तुम्हे प्रहार केवल और केवल हिंदू धर्म पर और हिंदुओं पर ही करना है !
और यही वास्तव भी है !
इसिलिए हमारे आस्था पर मत खेलिए !
और जाते जाते आखरी एक बात…
जरा… ” दूसरों के आस्था पर …”
तो खेलके देख लो !
” दूसरों के ”
धर्म ग्रंथों के साथ ऐसा करने की हिम्मत दिखायेंगे ना…?
” उसी दिन समाप्त हो
जाओगे ! ”
कोशीश करके देख लो !
अंजाम तुरंत समझ में आयेगा !
जय श्रीराम
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