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ताली बजाईये, आरोग्य पाईये !!!

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हमारे वैदिक सनातन हिंदू धर्म संस्कृती में हर घटना के पिछे बहुत बडा वैज्ञानिक कारण होता है।हजारो साल पहली यह आदर्श संस्कृती विश्व में सबसे महान है।हमारे ऋषीमुनियों द्वारा हर घटना का विस्तृत विश्लेषण करके सप्रमाण उस घटनाओं को सिध्द किया है।इसीलिए हर घटना के पिछे एक रहस्य छूपा हुवा होता है।यह कोई अंधश्रद्धा नहीं है,बल्कि सत्य की कसौटी पर परखा हुवा अगाध सत्य ज्ञान है।इसी के आधार पर मनुष्य प्राणी सहीत, सभी पशुपक्षी तथा सजीवों का कल्याण, सृष्टि का कल्याण हमारे संस्कृति में सप्रमाण सिध्द किया हुवा है।इसिलए केवल और केवल सनातन संस्कृति में ही पूर्णत्व होता है।
आत्मा परमात्मा, जीव शीव, पुर्वजन्म पुनर्जन्म, मृत्यु के बाद आत्मा की गती,ऐसे सभी सिध्दांतों का सनातन संस्कृति का स्विकार किया हुवा है।
अनेक धर्म ग्रंथ इसके प्रमाण है।
आधुनिक विज्ञान केवल दृष्य शक्तियों को ही मानता है।मृत्यु का रहस्य, केवल.. डेड बाँडी… तक ही विज्ञान द्वारा सिमीत रहता है।मगर सनातन संस्कृति द्वारा स्विकारा गया,अध्यात्म अनेक गूढ़ विषयों के साथ, अदृश्य शक्तियों की भी सप्रमाण खोज करता है,और मानव जाती के संपूर्ण कल्याण के साथ साथ, सभी सजीवों के कल्याण की भी परीभाषा अधोरेखित करता है।
इसीलिए सनातन संस्कृति विश्व में सबसे महान है।
और खुद ईश्वर ने ही हमें ऐसे महान संस्कृति में जन्म दिया है, यह भी हम सभी का परम सौभाग्य है।
हम सभी परमभाग्यशाली है।
खुद ईश्वर हम सभी की चिंता भी करता है,यह भी बारबार निराकार ईश्वरी शक्ति द्वारा, सिध्द भी होता है।
आयुर्वेद, योगासन, प्राणायाम, ध्यानधारणा,आज्ञाचक्र द्वारा ब्रम्हज्ञान तथा
अनेक सिध्दियाँ द्वारा मनुष्य जन्म का कल्याण करने की संपूर्ण क्षमता केवल सनातन धर्म में ही होती है।

इसिलए पृथ्वी निवासी हर मनुष्य प्राणी को सनातन धर्म का एक दिन स्विकार करना ही पडेगा।
और यह भाग्यशाली दिन भी दूर नहीं है।सनातन धर्म की अंतिम जीत,अर्थात…
हिंदुमय विश्व का आरंभ ,ईश्वरी इच्छा से ही हो चुका है।
और हमारे आँखों के सामने ही हम सभी को ऐसा भाग्यशाली दिन देखने का सौभाग्य जरूर प्राप्त होगा,ऐसा मुझे पूरा विश्वास है।
हरी ओम्

अंतरराष्ट्रीय पत्रकार,
विनोदकुमार महाजन

अब इसी बहाने से ताली बजाने के अनेक फायदे हम देखते है।इसीलिए निचे का 👇👇👇संपूर्ण लेख आप सभी पढेंगे ही पढेंगे, ऐसी आशा करता हुं।

*🛕 आयुर्वेद ज्ञानामृत 🛕*

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*जानिए ताली बजाने के फायदे*
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ताली बजाने की परंपरा क्यों बनाई गई । इससे क्या फायदे हैं यह जाने बिना हमने ताली बजाना छोड़ दिया क्योंकि हमने सुबह शाम आरती करना छोड़ दिया। आरती करने के साथ ताली बजाने की प्रक्रिया हमारे शरीर को कैसे फायदा पहुंचाती थी आइए जानते हैं।
बहुत कम लोग जानते हैं कि ताली बजाना स्वास्थ्य के लिए अति महत्वपूर्ण लाभदायक है।

आज हम आपको ताली बजाने से हाने वाले महत्वपूर्ण परखे फायदों के बारे में बता रहे हैं।

वैज्ञानिकों द्वारा प्रमाणित किया गया है कि तालियां बजाने से हजारों स्वास्थ्यवर्धक फायदें।

जिन्हें बहुत कम लोग जानते। और ताली बजाना एक मजाक और उपहास मात्र समझते हैं।
परन्तु हम आपको तालियां बजाने के मुख्य फायदे विस्तार से बता रहें हैं।

*ताली बजाने से महत्वपूर्ण फायदे*

1. रोज अधिकतम 400 तालियां बजाने से गठिया रोग ठीक हो जाता है। लगातार 3-4 महीने सुबह शाम ताली बजायें। ताली बजाने से उगलियों, हाथों का रक्त संचार तीव्र गति से होता है। जोकि सीधे नसों को प्रभावित करता है जिससे गठिया रोग ठीक हो जाता है।

2. हाथों में लकवा और हाथ कापना, हाथ कमजोर होने पर रोज नियमित सुबह शाम 200 से 400 तक धीरे धीरे बढ़ा कर।तालियां बजाने से 5-6 महीनें में समस्या से निदान मिलता है।

3. हृदय रोग, फेफड़े खराब होने पर, लिवर की समस्या होने पर रोग नियमित सुबह शाम 200-200 तालियां बजायें। बढ़ा कर 400 करना उपयोगी।आंतरिक बीमारियों से तुरन्त छुटकारा मिलता है।

4. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में तालियां अहम हैं। तालियां बजाने से शरीर में तीव्र रक्त संचार होता है। शरीर का अंग अंग काम करने लगता है।

5. तालियां बजाने से नसें और धमिनयों सही तरह से सुचारू हो जाती है। मांसपेशियों का तनाव खिचाव ठीक करने में तालियां बजाना सक्षम है।

6. तालियां बजाने से सिरदर्द, अस्थमा, मधुमेह नियंत्रण में रहता है। तालियां मारना हेल्थ समस्याऐं नियंत्रण में रखने में सहायक है।

7. बालों के झड़ने से रोकने में तालियां खास फायदा करती है। तालियां बजाने से हाथों में घर्षण बनता है। हाथ की अंगूठे उगलियां नसे सिर से जुड़ी होती हैं।

8. प्रतिदिन भोजन ग्रहण के बाद 200 तालियों बजाने से शरीर समस्त रोगों से दूर रहता है। शरीर में फालतू चर्बी नहीं जमती और मोटापा से दूर रखने में तालियां अहम हैं।

9. तालियां बजाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। क्योंकि हाथ का अंगूठे की नसें सीधें दिमाग से जुड़ी होती है।

10. शरीर के समस्त जोड़ पाइन्टस हाथों की हथेलियों उगलियों से जुड़े होते हैं। इसलिए तालियां बजानें से शरीर स्वस्थ और निरोग रहता है।

*तालियां बजाने का तरीका*

1. ताली बजाने से पहले हाथों पर नारियल, जैतून, बादाम, तिल, अखरोट आदि कोई भी एक तेल लगा लें।

2. रोज सुबह 400 तालियां और रोज शाम 400 तालियां बजायें।

3. 200 तालियां हाथ ऊपर कर और 200 तालियां साधारण स्थिति में रह कर बजायें।

4. हाथों पर तीव्र घषर्ण, या हाथ गर्म होने पर कुछ सेकेंड़ रूकें।

5. तालियां बजाने के तुरन्त बाद कुछ खायें पीने नहीं। 20-25 मिनट बाद ही कुछ खायें पीयें।

*स्वस्थ शरीर के लिए तालियां बजाना अति उत्तम फायदेमंद है। ताली बजाने से शरीर में रक्त संचार तीव्र गति से होता है। जोकि सम्पूर्ण शरीर को दुरूस्त करने में सक्षम है।*

ताली बजाने के साथ साथ, ओम्कार साधना का भी रहस्य हमारे अध्यात्म में बारबार बताया गया है।

संकलन : – विनोदकुमार महाजन

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