*14 अगस्त अखण्ड भारत दिवस*
*राष्ट्रीय और एकात्मक संस्कृति की जो आधारभूत मान्यताएँ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने स्वीकार की हैं , उन सबका समावेश ” अखण्ड भारत ” शब्द के अन्तर्गत हो जाता है* । अटक से कटक , कच्छ से कामरुप तथा काश्मीर से कन्याकुमारी तक सम्पूर्ण भूमि के कण – कण को पवित्र ही नहीं अपितु आत्मीय मानने की भावना अखण्ड भारत के अन्दर अभिप्रेत है । *इस पुण्य भूमि पर अनादि काल से जो प्रजा उत्पन्न हुई तथा आज जो है , उनमें स्थान और काल के क्रम से उपरी भिन्न्ताएं चाहे जितनी हों , किन्तु उनके सम्पूर्ण जीवन में मूलभूत एकता का दर्शन अखण्ड भारत का प्रत्येक पुजारी करता है* ।
आज का दिन स्मरण और मनन करने का दिन है कि कैसे हमारे भारतवर्ष के कुछ हिस्से हमसे अलग कर दिए गये | *नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान , मालदीव, श्रीलंका, पकिस्तान, कश्मीर का हिस्सा , 1962 में चीन ने भारत का 90,000 वर्गमील हिस्सा हडपा | इन सब को आज याद करने का दिन है* | 1947 में हमें खंडित स्वतंत्रता मिली *जो लोग भारत की जनता को यह आश्वासन देते नहीं थकते थे की पकिस्तान मेरी लाश पर बनेगा उन्होंने ही आधी रात को पकिस्तान को स्वीकार कर लिया* | सुबह हम खंडित स्वतंत्रता की ख़ुशी में लड्डू बांटेंगे भाषण सुनेंगे
*लेकिन हमें इतना अवश्य याद रखना है की यह आज़ादी हमें किसी दल विशेष के कारण नहीं मिली है यह आज़ादी हमें मिली है अनेक क्रातिकारीयों के कारण ” ….* *
*जय अखंड भारत*
*वंन्दे मातरम्*
*जय श्रीराम*
संकलन : – विनोदकुमार महाजन