Thu. Sep 19th, 2024

सद्गुरू चरणों पर जीवन समर्पित !!!

Spread the love

देहतत्व में होकर भी और देहतत्व छोडने के बाद भी मुझे नितदिन, निरंतर मार्गदर्शन करनेवाले तथा मुझे ब्रम्हज्ञान देकर मुझे पूर्णत्व देनेवाले, मेरे दादाजी तथा मेरे प्राणप्रिय सद्गुरू आण्णा को कोटी कोटी प्रणाम।दंडवत।
प्रेमामृत का दिव्यत्व दिखाने वाले,स्वर्गीय सुखों की बौछार करनेवाले मेरे आण्णा चौबीसों घंटे मेरे ह्रदय कमल में विराजमान रहते है।उनके दिव्य प्रेम के याद के बिना एक पल भी जाता नहीं है।

मेरा संपूर्ण जीवन मेरे सद्गुरू आण्णा के चरणों पर समर्पित है।
हरी ओम्

विनोदकुमार महाजन

Related Post

Translate »
error: Content is protected !!