संपूर्ण समर्पण में ही आनंद है !
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जिस प्रकार से एक पतिव्रता स्त्री
अपने पतीदेव के चरणकमलों पर अपना सारा जीवन
सारा पुण्य,तन – मन – धन
सानंद से समर्पित करती है
और ईश्वर प्राप्ती का तथा संपूर्ण
सुखों का आजीवन आनंद
लेती रहती है।
सत्यवान – सावित्री।
इसी प्रकार से सच्चा भक्त अपना
सारा जीवन ईश्वर चरणों पर
समर्पित करके अखंड समाधीअवस्था में उच्च कोटी का
आनंद लेता रहता है।
राम – हनुमान।
और सद्गुरू का असली शिष्य भी इसी प्रकार से
सद्गुरू के चरणकमलों पर
सबकुछ समर्पित करके ही
बडे आनंद से अपना संपूर्ण जीवन बडे मस्ती से गुजरता
रहता है।
रामदास स्वामी – कल्याण स्वामी।
पवित्र और सच्चा प्रेम ही
संपूर्ण समर्पण सिखाता है।
और इससे बढकर आत्मानंद
दूसरा कोई है ही नही।
हरी ओम्
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विनोदकुमार महाजन