*आंखे जिस पल को तरसी थीं,*
*वह दृश्य दिखाया योगी ने।*
*उस सदन बीच खुलकर हिन्दू*
*उत्कर्ष दिखाया योगी ने।।*
*निज धर्म, कर्म पर गौरव है,*
*ये सिखा दिया है योगी ने।*
*जो मोदी नहीं दिखा पाये,*
*वो दिखा दिया है योगी ने।।*
*बेशर्म जनेऊ धारी थे,*
*जो इफ़्तारो में जाते थे।*
*हाथों से तिलक मिटा करके जो,*
*टोपी गोल लगाते थे।।*
*वोटों की भूख जिन्हें मस्ज़िद*
*दरगाहों तक ले जाती थी।*
*खुद को हिन्दू कहने में जिनकी*
*रूह तलक शर्माती थी।।*
*उन ढोंगी धर्म कपूतों की*
*छाती पर चढ़कर बोल दिया।*
*क्यों ईद मनाऊं? हिन्दू हूं,*
*ऐलान अकड़कर बोल दिया।।*
*जय जय श्री राम💪🚩🚩*
संकलन : – विनोदकुमार महाजन