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मंदिर में आरती के समय में मशीन द्वारा वाद्यों को बजाया जा रहा है।
आखिर क्यों ???
मेरे सनातनी हिंदु भाईयों,
तुम्हारे पास मंदिर में जाने के लिए समय नही है।वाद्य बजाने में समय नही है।ईश्वरी चिंतन के लिए समय नही है।धर्म के लिए समय नही है।
हम हिंदु धर्म के प्रति इतने उदास, हताश क्यों बनते जा रहे है ?
कहाँ है हमारा धधगता ईश्वरी तेज ?
वह ज्वाला नारसिंह जैसा धधगता अंगार ?
कहाँ है हमारा अभिमान, स्वाभिमान ???
कहाँ है हमारा तेज ???
जागो साथियों जागो।
धर्म रक्षा के लिए जागो।
मंदिर जाकर भगवान की पूजा अर्चना करो।
ईश्वरी चिंतन करो।
अपना ईश्वरी तेज जगावो।
माथे पर भगवान का प्रतीक भगवा तीलक लगावो।
गले में गर्व से रूद्राक्ष की,तुलसी की माला पहनो।
हर घर पर भगवा ध्वज गर्व से लगावो।
हर दुकान, मकान पर स्वाभिमान से भगवा ध्वज लहरावो।
हप्ते में एक बार हर गाँव,गली,शहर में धर्म जागृती अभियान चलावो।
जय जय श्रीराम और
जय श्रीकृष्ण का बुलंद नारा लगावो।
जागो साथीयों जागो।
धर्म रक्षा के लिए जागो।
आसुरी सिध्दांतों की हैवानियत को रोकने के लिए जागो।
गौमाता की रक्षा के लिए जागो।
गंगा मैया जैसी नदीयों को स्वच्छ बनाने के लिए जागो।
माँ भारती और धरती माता को असुर मुक्त, पापमुक्त बनाने के लिए जागो।
मेरे प्यारे सनातनी हिंदु भाईयों,
हमारे आदर्शों को विश्व व्यापक बनाकर,
विश्वगुरु बनाने के हमारे व्यापक अंतरराष्ट्रीय अभियान में जुडऩे के लिए,
आत्मस्फुर्ती से अंदर का ईश्वरी चैतन्य जगावो।
तुम ही ईश्वर पुत्र हो।
हम सभी एक ही ईश्वर की संतानें है।
और वैश्विक ईश्वरी सिध्दांतों की जीत के लिए,
जागो….
जागो….
जागो….
जागेंगे तो ही हैवानियत से बचेंगे।
हरी ओम्
विनोदकुमार महाजन