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कूल माईंड क्यों जरूरी है ?

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ठंडा दिमाग, कू…ल माईंड।
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हर समस्या का एक ही जबरदस्त उत्तर है।जी हाँ मेरे प्यारे सभी दोस्तों।सभी प्रश्नों का एक ही इलाज… रामबाण औषधी….
“ठंडा दिमाग… कू…ल…बिल्कुल ही कू…ल माइंड।”
चाहे अपयशों से जूंझ रहे हो, या भयंकर बिमाँरीयाँ अती पिडा से परेशान कर रही है,शत्रू भी भयंकर तडपा रहा है ,भयंकर अपमान का सामना करना पड रहा है,नरकयातनाओं से जीना भी मुश्कील हुवा है,अनेक आर्थिक समस्याएं भी तडपा रही है,या फिर अन्य कोई भी समस्या हो….बस्स…एक ही जबरदस्त उत्तर है….ठंडा दिमाग।
अगर शत्रू भयंकर पिडा दे रहा तो…उसको जवाब मत देना…उफ्फ् भी मत करना।उल्टा उसके सामने मस्त होकर हँसते खेलते रहना।शत्रू तडप तडप कर मरेगा।
और अगर उसके साथ झगडा करोगे तो और परेशान करेगा।
शत्रुपिडा से त्रस्त मेरे सभी मित्रों को मेरी एक ही सलाह है की,एक छोटीशी चिंटी को भी किमत दो…मगर शत्रू को य:किंचित भी किमत मत देना।
देखो तुम्हारा शत्रू जलजलकर खाक होगा।
अपमान, अपयशों में भी दिमाग को इतना ठंडा रखो की…मन की धारणा ऐसी बनाओ की…
“चाहे आने दो कितने भी तूफान, आने दो कितनी भी मुश्किलें…मैं ना डरूंगा,मैं ना हारूंगा,ना मैं पिछे हटुंगा।मुश्किलों का सामना करते करते मेरी मंजील तक मैं एक दिन पहुंचकर ही रहुंगा।”
बस्स…यही मन की धारणा बनाओ।
ठंडे दिमाग से हर मुश्किलों का सामना करके,हर समस्याओं पर धिरे धिरे मात करते जाव।
जीवन में हमें कभी भी हारना नही है,और नाही कभी हार माननी है।
पलायन का रास्ता चुनेंगे तो समस्याएं भयंकर रूप से बढती जायेगी।अक्राल विक्राल होगी।
और हिम्मत से संकटों का सामना करेंगे तो….
आत्मबल बढेगा… और उच्च आत्मबल से हम हमारी दिव्य मंजील तक जरूर पहुचेंगे ही।
इसके लिए आत्मविश्वास, दृढ निर्धार,दृढ संकल्प और अथक प्रयत्न वाद तो चाहिए ही।
तो मेरे प्यारे भाईयों, क्या सचमुच में तुम्हें जीवन की लडाई जीतनी ही है…?
तो हार मत मानना।कभी भी हारना नही।लडते रहना,संघर्ष करते रहना।आत्मबल-आत्मविश्वास निरंतर बढाते रहना।
“ठंडे दिमाग”,से जीवन का सफर चलते रहना।
संपूर्ण पृथ्वी पर जो ईश्वरी राज्य की कल्पना साकार करना चाहते है,और इसके पुर्ती के लिए प्रकट या गुप्त रूप से कार्य कर रहे है,आध्यात्मिक जप-तप-साधना कर रहे है,और सद्गुरु कृपा से जिसे ईश्वरी कृपा प्राप्त हो गई है …ऐसे मेरे अनेक ज्ञात-अज्ञात भाईयों का दिमाग… इसी ईश्वरी कार्य के लिए ठंडा हो गया है-इसका मुझे पूर्ण विश्वास है।
तो चलो धिरे धिरे मंजिल की ओर…।
“ठंडे दिमाग से।”
“बिल्कुल ही ठंडे दिमाग से।”
“कूल…कूल…माईंड।”
हरी ओम।🙏🕉
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— विनोदकुमार महाजन।

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