ये भी दिन जायेंगे प्यारे…
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हिम्मत रख,हौसला रख मेरे प्यारे दोस्त।
मुसीबतों के ये भी दिन जायेंगे।
एक दिन आयेगा, की कोरोना भी हारकर भाग जायेगा।
नई सुबह होगी।
नई आशा होगी।
फिरसे खुशहाली का हँसता खेलता नया जीवन आरंभ होगा।
नई उमंग होगी।
नया जीवन होगा।
प्यारे, खुशियों के दिन फिरसे लौट आयेंगे।
मगर इसके लिए बस्स…
थोडासा काम तुझे करना है,
कामके शिवाय घर से बाहर नही निकलना है।
और अगर मजबूरन निकलना भी पडे तो सभी नियमों का सख्ती से पालन करना है।
अंधेरा छटेगा,सूरज उगेगा।
बूरे दिनों का चार दिनों का माहौल भी हटेगा।
बस्स…थोड़ा इंतजार करना है दोस्त।
ये भी दिन जायेंगे।
खुशियों के दिन फिरसे लौट के आयेंगे।
ईश्वर पर भरौसा रखेंगे,
मेरा – तुम्हारा, हम सभी का,
तो दयालु परमात्मा,
सबकुछ ठीक कर देगा।
हरी ओम्
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विनोदकुमार महाजन*