Thu. Jul 3rd, 2025

हिंदुमय विश्व की शुरुआत ?

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*हर हिंदू शस्त्र ,शास्त्र और* *अस्त्र संपन्न होता* *था !!*
✍️ २६७०

🕉🚩✅🕉🚩✅

हर घर में गौमाता थी !
हर घर में गौमाता की पूजा होती थी !
जरसी , हायब्रीड नहीं बल्की देशी गाय !
हर एक व्यक्ती गाय का महत्त्व जानता था !
हर एक व्यक्ती गाय को माता मानता था !
गाय में तेहतीस कोटी देवताओं का वास होता है , ऐसी मान्यता थी !
इसिलिए गाय हमारे लिए पूजनीय , वंदनीय थी !

मगर आज ?
दुर्देव से गाय गायब होती रही !
उसको बचानेवाला भी कोई नहीं रहा ?
( ❓⁉??? )

और यहीं से संपूर्ण धरती का ही दूर्देव आरंभ हुवा ! और तेज गति से सांस्कृतीक पतन आरंभ हुवा !

आज अनेक छोटे गांवों में भी देशी गाय का दर्शन दुर्लक्ष हो गया है !
हर जगहों पर संकरित गाय दिखाई दे रही है !

जब देशी गाय आँगन में थी , तब ? हर घर में सुख – शांती – समाधान – आनंद था !
दया , क्षमा , प्रेम था !

मगर गाय गायब होती चली और सुख – शांती – समाधान भी लुप्त होता गया !

गाय थी तब इंन्सान भी सुसंस्कृत था !
गौमाता गायब हो गई और इंन्सान , विशेषतः हिंदू ? धीरे धीरे संस्कृती से दूर
चला गया !

आदमी सैरभैर हुवा !
गौमाता की हत्या से निसर्ग संतुलन भी खराब हो गया ! उसके श्राप से , उसकी बहती खून की नदियों से , संपूर्ण विश्व में केवल अशांती ही नहीं बल्की तबाही आरंभ हो गई !

यह भयावह गौमाता का आक्रंदन कौन रोकेगा ? या फिर गौमाता को बचाने के लिए प्रत्यक्ष भगवान श्रीकृष्ण को रूप बदलकर आना पडेगा ?

कब आयेगा वो प्रभू परमात्मा ❓

गौमाताओं के साथ साथ हर गाँव में गुरूकुल होता था !
जिसके कारण हर हिंदू सामर्थ्य संपन्न , शक्ती संपन्न , ओजस्वी , तेजस्वी था !

शस्त्र , अस्त्र संपन्न और शास्त्र संपन्न भी था !

दूर्देव से गौमाता गई !
साथ में गुरूकुल भी गया !

और मेरा हिंदू भाई ⁉
धीरे धीरे निस्तेज , सामर्थ्य हीन , शक्ती हीन होता गया !

आदर्श सनातन संस्कृती से दूर चला गया !

झूठे अंहिसा तत्वों ने उसे फिर से नंपूसक , तेजोहीन बनाया !
जानबुझकर उसे भगवत् गीता के श्रेष्ठ आचरण से दूर धकेल दिया !

षठ् प्रती षाठ्यम् के सिध्दांतों से ही हिंदुओं को दूर किया गया !

परीणाम ❓⁉
भयावह हो गया !
सुसंस्कृत हिंदू असंस्कृत होता गया ! संस्कृती , दया , प्रेम , वात्सल्य से दूर चला गया !

और ” कुछ हिंदू ” भी धर्म भ्रष्ट होकर ⁉
गौमांस भी खाने लगे ❓

कितना भयंकर अध:पतन हो गया ???
हाय तौबा !?

अब संपूर्ण धरती पर भयावह और विनाशकारी अधर्म का भयंकर अंधेरा छा गया है !

सांस्कृतिक अध:पतन भयावह है !

अब
हर इंन्सान को फिरसे संस्कृती को जोडने के लिए अब पर्याप्त पर्याय भी उपलब्ध नही है !

इसके लिए हर देश में , हर शहरों में गुरूकुल और गौशाला आरंभ करना जरूरी है !

सबसे पहले आसुरीक शक्तियों से धरती माता को बचाने के लिए ,

*संपूर्ण स्वच्छता अभियान !*
चलाने की सख्त जरूरत है !

इसके लिए सामुहिक वैश्विक रणनीति बनानी पडेगी !

सद्गुरु कृपा तथा परम ईश्वरी कृपा से मैं मोदीजी , योगीजी के कुछ ग्रुप में उपस्थित था !
मेरे अनेक लेखों द्वारा मेरा मकसद मैंने उन महात्माओं तक पहुंचाया भी है !

अब
सांस्कृतिक पुनरूथ्थान के लिए
फिरसे

हर देश में मैं विस्तृत मात्रा में गुरूकुल और गौशाला आरंभ करना चाहता हूं !

इसके लिए व्यापक वैश्विक संगठन भी बनाने के प्रयास में हूं !

*मगर* ?
सबसे पहले
*संपूर्ण पृथ्वी का*
*व्यापक शुध्दि आंदोलन*

*आरंभ करना होगा !*

इसके लिए एक जबरदस्त शक्तिशाली और यशस्वी रणनीति की जरूरत होगी !

जिसके लिए वैश्विक महात्माओं का संपूर्ण तथा आत्मीय सहयोग प्राप्त होगा ऐसी आशा है !

संपूर्ण विश्व में
चौतरफा तथा विविध माध्यमों द्वारा
तेजस्वी
घरवापसी अभियान भी
गतिशील बनाना होगा !

कम समय में जादा कार्य सफलता की रणनीति अपनानी होगी !

हर हिंदू फिरसे
शस्त्र ,शास्त्र , अस्त्र संपन्न तो होगा ही !
साथ ही संपूर्ण विश्व में तेजीसे घरवापसी भी होगी !

आप सभी का आत्मीय सहयोग भी चाहिए !

शायदअब
ईश्वरी इच्छा से ही
हिंदुमय विश्व की
शुरूआत हो गई होगी !

कार्य सफलता के लिए ,
मैंने भी अनेक सालों तक खडतर तपश्चर्या करके , अनेक देवीदेवताओं के आशिर्वाद भी प्राप्त किए है !

अब प्रतिक्षा है ,
*ईश्वर के अंतिम आदेश की !!*

*जय श्रीकृष्णा !!*
*हर हर महादेव !!*

🕉✅🚩🕉✅🚩

*विनोदकुमार महाजन*

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